महाराष्ट्र में लॉकडाउन जारी रहेगा, प्लाजमा केंद्र बढ़ाए जाएंगे: ठाकरे

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मुंबई, 28 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में लॉकडाउन 30 जून के बाद भी पूर्ववत जारी रहेगा। राज्य की आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार धीरे-धीरे अनलॉक की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसलिए सिर्फ युवावर्ग आवश्यक काम के लिए ही घरों से बाहर निकलें। सीएम उद्धव ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अधिक मात्रा में भीड़भाड़ की गई तो लॉकडाउन का कठोरता से पालन किया जाएगा। सीएम ने कहा कि अनलॉक शुरु होने पर लोगों का संसर्ग बढऩे वाला है, इसलिए कोरोना मरीजों की संख्या भी बढ़ सकती है। राज्य सरकार ने अधिक से अधिक टेस्ट करवाना शुरू किया है, इसलिए लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना की रोकथाम में प्लाजमा थेरोपी कारगर साबित हो रही है। इस थेरोपी से 10 में से 9 कोरोना मरीज स्वस्थ हो रहे है, इसलिए राज्य में प्लाजमा थेरोपी के केंद्र बढ़ाए जाएंगे। सीएम ने कहा कि जो मरीज कोरोना से पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं,उन्हें अपना प्लाजमा दान देने के लिए आगे आना चाहिए जिससे अधिक से अधिक लोगों का सफल इलाज किया जा सके। सीएम ने कहा कि विश्व में कोरोना के लिए जैसे ही किसी नई दवा का नाम आता है, वह खुद उसे राज्य में लाने का प्रयास कर रहे हैं। इस समय रेडमेवीयर व एक अन्य दवा की जोरदार चर्चा हो रही है। केंद्र सरकार से इस दवा की अनुमति पिछले सप्ताह मिल चुकी है। वह इन दोनों दवाओं को जल्द राज्य में लाकर अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध करवाएंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि 50 वर्ष से उपर के अनुभवी डॉक्टरों को खुद लोगों को सेवा देने के लिए आगे आना आवश्यक है। इस समय राज्य में पर्याप्त मात्रा में कोरोना से बचने के लिए पीपीई किट व अन्य साधन उपलब्ध हैं,इसलिए कोरोना से डरने की जरुरत नहीं है। बारिश के समय कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियों की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है। इसलिए अनुभवी डॉक्टरों का घर में बैठना ठीक नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि सभी धर्म के लोग सरकार को कोरोना के संकट में सहयोग दे रहे हैं। वह आषाढ़ी एकादशी के दिन खुद पंढरपुर जाकर भगवान विठ्ठल से राज्य ही नहीं पूरे देश ,पूरे विश्व को कोरोना मुक्त करने के लिए पूजा करने वाले हैं। सीएम ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव लोगों ने शांति से मनाने का निर्णय लिया है। यह स्वागतार्ह है। इसी तरह गणेश भक्तों ने सिर्फ 4 फीट की गणेश प्रतिमा स्थापित कर पूजन करने व इसके बाद सामाजिक दूरी रखते हुए विसर्जन करने का निर्णय लिया है। सभी धर्म लोग कोरोना के संकट के दौरान समझदारी की भूमिका खुद ले रहे हैं,यह राज्य के लिए हितकारी ही है।

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