शिक्षक और छात्र के बीच लॉकडाउन भी बन नहीं पाया बाधा
नई दिल्ली, 26 मई कौन कहता है कि आसमान मे छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों । इसी कहावत को सच कर रही हैं गाजियाबाद जिले के लोनी के राजपुर ब्लॉक में स्थित उच्च प्राथमिक स्कूल में पदस्थापित अध्यापक ऋचा बिहारी । ऋचा आज किसी परिचय की मोहताज नहीं रही । सीमित संसाधनों के बावजूद ऋचा बिहारी ने वह कर दिखाया है जो उनके स्कूल को छात्रों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है ।
यह तो सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी के कारण आज पूरे देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है ।ऐसे में समस्त स्कूल कॉलेज भी बंद है । इस दौरान भला छात्रों को घर बैठे अगर अध्ययन की सुविधा मिलती रहे तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है । इसी सुविधा को सच कर दिखाया है ऋचा बिहरी ने । लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अपने निवासस्थान से ही ऋचा ने स्कूल के छात्रों को वहाट्सएप के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की कोशिश कर रही हैं । हुनरमंद और अपने पेशे में कुशल लोनी के प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका ऋचा को पिछले साल उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए एक पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है ।
हमारे संवाददाता ने जब ऋचा से उनकी इस उद्यमिता के लिए उनसे बात की तो उन्होंने एक ही बात कही कि जहां चाह वहां राह । उन्होंने बताया कि जब लॉकडाउन की घोषणा की गई तभी उन्होंने इस तरह के अनौपचारिक शिक्षा के बारे में सोचा और तुरंत ही इस निर्णय पर पहुंच गई कि उन्हें छात्रों से जुड़कर डिजिटल शिक्षा की योजना पर काम करना चाहिए ।
फिर क्या था एक बार योजना बनते ही उन्होंने इसका कार्यान्वयन शुरु करने हेतु सबसे पहले एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और अपने छात्रों को इस ग्रुप से जोड़कर उन्हें शिक्षा प्रदान करना शुरु कर दिया । ऋचा आज वीडियो और ऑडियो कॉल के माध्यम से ग्रामीण छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रही हैं । सबसे बड़ी बात है ऋचा दिन रात हमेशा ही अपने छात्रों के मदद के लिए तत्पर रहती है ।