लॉकडाउन का मदरसों और धार्मिक स्थलों में हो सख्ती से पालन : रिजवी
नई दिल्ली, 01 अप्रैल (हि.स.) । राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से कहा है कि सभी अपने-अपने यहां के मदरसों और धार्मिक स्थलों में लाकडाउन का सख्ती से पालन करवाएं। बुधवार को आयोग के अध्यक्ष सैयद गयूरुल हसन रिजवी ने यह बात तब कही है जब दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में जुटे लोगों की वजह से देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या में वृद्धि होने लगी। उन्होंने इसे कोरोना संकट विरोधी प्रयासों को नुकसान पहुंचाने वाली घटना भी करार दिया है।
रिजवी ने इस संबंध में सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे ई-मेल में यह भी कहा है कि भविष्य में तबलीगी जमात जैसी कोई घटना रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के मद्देनजर देश भर की तमाम मस्जिदों में जुमे की नमाज और दूसरे धार्मिक आयोजन पहले से ही नहीं हो रहे हैं। यह सरहानीय प्रयास है। लेकिन निजामुद्दीन की घटना से सरकार के प्रयासों को बड़ा नुकसान पहुंचा है।’
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कहा, ‘यह लॉकडाउन और कोई आयोजन नहीं करने से जुड़े सरकारी परामर्श का भी उल्लंघन है। इस घटना ने नागरिकों के जीवन को जोखिम में डाल दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘इस घटना के मद्देनजर आपसे आग्रह किया जाता है कि मदरसों एवं धार्मिक स्थलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाए और ऐसे किसी भी स्थान पर भीड़ एकत्रित होने से रोका जाए।’ उन्होंने कहा कि लॉकडाउन और सरकारी दिशानिर्देशों के बारे में जागरूकता के लिए स्थानीय धर्मगुरुओं की मदद भी ली जाए। रिजवी ने यह भी कहा कि प्रशासन को उनके आग्रह के संदर्भ में तत्काल कदम उठाना चाहिए।