लॉकडाउन: 20 अप्रैल के बाद कृषि व उद्योगिक गतिविधियों को मिलेगी रियायत
नई दिल्ली, 15 अप्रैल (हि.स.)। कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन की समय सीमा 3 मई तक बढ़ने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को फिर से दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें लोगों को हो रही दिक्कतों को कम करने के लिए 20 अप्रैल से लॉकडाउन में दी जाने वाली रियायतें भी शामिल हैं। 20 तारीख के बाद से कोविड-19 के संक्रमण से पूरी तरह बचे रहने वाले क्षेत्रों में कृषि, विनिर्माण, वित्तीय सेवा और मनरेगा गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत दिशा-निर्देशों का एक सेट जारी किया। इससे पहले मंगलवार को कोविड-19 वायरस के प्रसार को सीमित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया था। 20 अप्रैल से लागू होने वाले संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत, लॉकडाउन से मिलने वाली छूट में सभी स्वास्थ्य सेवाएं, कृषि और संबंधित गतिविधियां, वित्तीय सेवाएं, मनरेगा के काम, सार्वजनिक उपयोगिताओं, माल और कार्गो सेवाओं और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति शामिल हैं।
इन पर रहेगी पूरी बाबंदी
सार्वजनिक और निजी परिवहन पर पूरी तरह से रोक पहले की तरह जारी रहेगी। मनोरंजन व धार्मिक गतिविधियां जिनमें लोगों का एकत्रीकरण हो, पर भी प्रतिबंध जारी रहेगा। केवल स्वास्थ्य कारणों से लोगों को एक से दूसरी जगह जाने की अनुमति होगी। वहीं अंतिम संस्कार के दौरान 20 से ज्यादा लोगों को एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी।
हॉटस्पाट और कंटेनमेंट जोन
हाॅटस्पाट वह स्थान है जहां कोविड-19 के बड़ी संख्या में मामले देखने में आए हैं। इन्हीं हाॅटस्पाट को राज्य व जिला स्तर पर कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा। इन इलाकों पर लोगों की कोई आवाजाही न हो, इसके लिए कड़े नियमों का पालन कराया जाएगा।
20 तारीख के बाद यहां मिलेेगी रियायत
लोगों को लॉकडाउन के चलते आ रही दिक्कतों को कम करने के लिए 20 तारीख से कोविड-19 से अब तक पूरी तरह बचे रहे क्षेत्रों जिनको राज्य सरकार और जिला प्रशासन तय करेगा, वहां कुछ गतिविधियों को अनुमति प्रदान की जाएगी। राज्य सरकारों को इन नियमों में ढिलाई देने की कोई अनुमति नहीं होगी बल्कि वह इनका कड़ाई से पालन कराने के लिए अतिरिक्त नियम लगा सकती है। वहीं यहां किसी प्रकार का संक्रमण पाए जाने के बाद त्वरित प्रभाव से सभी रियायतों को हटा लिया जाएगा।
गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं को जारी रखा जाएगा। वहीं कोविड-19 को नियंत्रण में पाने के लिए निजी केन्द्रों द्वारा दी जा रही सुविधाओं को भी अनुमति होगी।
इसके अलावा सभी प्रकार की कृषि व बागवानी से जुड़ी गतिविधियों को अनुमति प्रदान की जाएगी। इसमें किसानों और कामगारों की आवाजाही व कामकाज, अनाज की खरीद और भंडारण करने वाले एजेंसियों, इनसे जुड़ी हुई मंडियों दुकानों, कृषि उपकरणों से जुड़ी सप्लाई चैन और दुकानों, उर्वरक, कीटनाशक और बीज के उत्पादन, वितरण और विपणन, कटाई, बुबाई से जुड़ी मशीनों का राज्यों के अंतर्गत आवाजाही व कस्टमर सेवा शामिल है। इसके अलावा मत्स्य पालन, वृक्षारोपण, पशुपालन क्षेत्र में काम करने वालों को भी इस दौरान अपनी गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।
वित्तीय क्षेत्र में आरबीआई, बैंकों की ब्रांच, एटीएम, इनसे जुड़ा आईडी क्षेत्र, नकद प्रबंधन एजेंसियां, उन्हें सुरक्षा मुहैया करने वाली एजेंसियां, सेबी व आईआरडीए जैसी नियामक संस्थाएं सामाजिक दूरी और अन्य दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए काम कर सकेंगी।
सामाजिक क्षेत्र में बच्चों, दिव्यांगों, मानसिक रूप से बीमार, वरिष्ठ जनों, महिलाओं, विधवाओं से जुड़े आवासों की गतिविधियां जिसमें जूविनाइल केयर भी शामिल हैं, पहले की तरह काम कर सकेंगे। सामाजिक सुरक्षा पेंशन व ईपीएफओ की गतिविधियां, आंगनवाड़ी के माध्यम से खाद्य व अन्य पोषक आहार का घर-घर जाकर वितरण किया जा सकेगा हालांकि लाभार्थी आंगनवाड़ी नहीं जा पाएंगे।
इस दौरान शिक्षा से जुड़े सभी संस्थान बंद रहेंगे लेकिन उन्हें ऑनलाइन माध्यम से टीचिंग और डिस्टेंस लर्निंग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्हें ऑनलाइन माध्यम से पाठ्यक्रम मुहैया कराने के लिए कहा जाएगा।
सामाजिक दूरी और मुंह व नाक ढकने से जुड़े हुए नियमों का पालन करते हुए मनरेगा गतिविधियों को भी अनुमति दी जाएगी। इसमें सिंचाई, जल संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा केंद्र व राज्य स्तरों पर सिंचाई और जल संरक्षण के क्षेत्र से जुड़े हुए कार्यों को अनुमति होगी।
सार्वजनिक सुविधाओं से जुड़े हुए तेल व गैस और बिजली क्षेत्र को कार्यनुमति होगी। इसके अलावा पोस्टल सेवाओं जिसमें पोस्ट ऑफिस भी शामिल है को कार्य अनुमति होगी।
परिवहन से जुड़े क्षेत्र में सभी प्रकार के वस्तुओं को आवाजाही की अनुमति होगी। वस्तुओं के परिवहन के लिए रेलवे काम करेगा। राहत सामग्री लाने और ले जाने, व लोगों की निकासी और कार्गो ऑपरेशन को अनुमति होगी। समुद्र मार्ग से सामानों की आवाजाही भी होती रहेगी।
ट्रक और अन्य सामान ले जाने वाले वाहनों को दो चालकों व एक सहायक के साथ परिचालन की अनुमति होगी। इसके अलावा हाईवे पर बने ढाबों को भी संचालन अनुमति मिलेगी। जिसमें वे सामाजिक दूरी के नियम का पालन करेंगे।
प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डीटीएच सेवा, आईटी सेवा, सरकारी कॉल सेंटर, ग्राम पंचायत स्तर पर सामान्य सेवा केंद्र व ई-कॉमर्स कंपनियां और उनके वाहनों को आने जाने की अनुमति भी रियायत का लाभ मिलेगा। कोरियर सर्विस, वेयरहाउसेस, कोल्ड स्टोरेज, निजी सुरक्षा सेवा पहले की तरह काम करते रहेंगे। लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए लोगों और मेडिकल व आपातकालीन सेवा कर्मचारियों को आवास मुहैया करा रहे होटल भी काम करते रहेंगे।
लॉकडाउन के दौरान 20 तारीख के बाद कुछ उद्योगों को भी काम करने की अनुमति होगी। इसमें वह कामगारों लाने ले जाने की सुविधा प्रदान करना नियोक्ता पर होगा और सामाजिक दूरी व अन्य नियमों का पालन करेंगे। जिन उद्योगों को छूट दी जाएगी उसमें आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन, खाद्य प्रसंसरण, आईटी हार्डवेयर, कोयला, पैकेजिंग से जुड़ी विनिर्माण इकाई, जूट इंडस्ट्री, ग्रामीण इलाकों में ईंट के भट्टों शामिल है।
इसके अलावा सिंचाई, सड़क, औद्योगिक परियोजना को निर्माण गतिविधियां संचालित करने दी जाएगी। इनसे जुड़े कामगार केवल उस नगर निकाय में रहने वाले लोग ही होंगे बाहर से किसी कामगार को लाने की अनुमति नही होगी।
चार पहिया वाहन में आगे व पीछे दो लोगों को बैठकर और दो पहिया वाहन में केवल चालक को आवश्यक कार्यों के लिए आवाजाही की अनुमति दी जाएगी। इस दौरान केंद्र व राज्य सरकारों के ज्यादातर मंत्रालय कार्य करते रहेंगे।