नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने के नाम पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद अब किसान आंदोलन को लेकर स्थानीय लोगों में भी रोष देखने को मिल रहा है। सिंघु बॉर्डर पर बीते दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के खिलाफ गुरुवार को 40 गांवों के लोग सड़कों पर उतर आए। उनकी मांग है कि प्रदर्शनकारी किसान जल्द से जल्द हाइवे खाली करें। उन्होंने किसानों को बॉर्डर खाली करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि लाल किले में तिरंगे का अपमान किया गया, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका कहना है कि अभी तक वो लोग यहां प्रदर्शन कर रहे किसानों की सहायता कर रहे थे लेकिन 26 जनवरी के दिन जो घटना हुई उससे वो काफी क्षुब्ध हैं। इसीलिए गांववालों ने किसानों काे बॉर्डर से हटाने को लेकर प्रदर्शन किया है।
उधर, गांववालों के प्रदर्शन को लेकर आंदोलनकारी किसानों ने नाराजगी जताई। किसानों का कहना है कि अबतक वो शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसे में अचानक किसी और की गलती के लिए उनके आंदोलन को बर्बाद करना सही नहीं है।
किसानों की तरफ से ‘जय जवान-जय किसान’ के नारे लगाते हुए किसान आंदोलन समाप्त करने की मांग के बीच एक वक्त किसान और गांववाले आमने-सामने भी आ गए। ऐसे में हालात को बिगड़ने से बचाने को लेकर वहां सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।