आतंकी घुसपैठ रोकने को एलओसी पर नई ब्रिगेड तैनात

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सेना प्रमुख ने सीमा पार से घुसपैठ रोकने के दिए हैं सख्त निर्देश – पाकिस्तान से गोलाबारी की आड़ में हो रही है आतंकियों की घुसपैठ 



नई दिल्ली, 19 सितम्बर (हि.स.)। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर होने वाली घुसपैठ को नाकाम करने के लिए जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त 3,000 सैनिकों को तैनात किया है। नई ब्रिगेड की तैनाती सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के दो दिवसीय दौरे से लौटने के बाद की गई है। उन्होंने अपने दौरे के समय किसी भी हालत में सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने के निर्देश एलओसी पर तैनात जवानों को दिए हैं।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव बढ़ने के बाद से पाकिस्तान की ओर से सीज फायर का उल्लंघन करने की घटनाएं बढ़ने से देश की पश्चिमी सीमा पर भी हालात ठीक नहीं हैं। इसीलिए भारतीय थलसेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे 17-18 सितम्बर को श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर के दौरे पर पहुंचे और राज्य में बलों और सुरक्षा स्थिति की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। इस साल 01 जनवरी से 07 सितम्बर के बीच जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर 3,186 युद्धविराम उल्लंघन हुए हैं। पाकिस्तान की ओर से लगातार की जा रही गोलाबारी के बीच सीमा पार से आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने की कोशिश हो रही है। हालांकि सीमा पर सतर्क जवान पाकिस्तान की हर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर रहे हैं। आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान से एलओसी तक बनाई गई कई सुरंगें भी सुरक्षाबलों ने पकड़ी हैं, जिनसे हथियारों का जखीरा भी मिला है।
सेना प्रमुख के दौरे के बीच भी सीमा पार से फायरिंग न रुकने पर सेना ने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल से उन पाकिस्तानी पोस्टों को निशाना बनाया, जहां से सबसे ज्यादा संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जा रहा था। एलओसी के किनारे हुई भारत की इस कार्रवाई में पाकिस्तान की कई चौकियां तबाह हुईं और 10 से ज्यादा सैनिक भी मारे गए। सेना प्रमुख ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चिनार कोर और उत्तरी कमान के कमांडर के साथ बातचीत भी की। सेना प्रमुख ने सभी को नियंत्रण रेखा और आतंरिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए हर स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया। उनके दौरे से लौटने पर सेना ने जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त 3,000 सैनिकों को तैनात किया है। सेना की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लेने के दौरान जनरल नरवणे ने काउंटर इन्फिल्ट्रेशन ग्रिड को और मजबूत करने एवं नियंत्रण रेखा पर पूरी सतर्कता के साथ ड्यूटी करने के निर्देश दिए हैं ताकि हर हालत में एलओसी से होने वाली घुसपैठ को नाकाम किया जा सके।

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