पटना, 16 सितम्बर (हि.स.) । बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए के दो घटक दलों में चल रही तनातनी के बीच लोक जनशक्ति पार्टी ने एक नया दांव चला है। बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही लोजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक और बड़ा झटका दिया है। दिल्ली में लोजपा सांसदों की बैठक में सीएम नीतीश कुमार के कामकाज का जमकर विरोध हुआ है। वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बिहार के लिए किये गए कार्यों की लोजपा सांसदों ने जमकर तारीफ की है।
सांसदों के साथ बैठक में लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपना मास्टरकार्ड खेला है। चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सलाह दी है कि बिहार में भाजपा को सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। लोजपा की इस उच्चस्तरीय बैठक में तमाम बातों पर चर्चा की गई। लोजपा सांसदों ने बिहार में पनप रहे अधिकारवाद का भी जमकर विरोध किया। इस अहम बैठक में कोरोना, बाढ़ और पलायन जैसे विषयों पर भी नीतीश सरकार की नीतियों का विरोध किया गया। प्रधानमंत्री को कालिदास बताये जाने को लेकर जदयू सांसद ललन सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में उपस्थित सांसदों ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार भूमिहीन महादलितों को ने तीन डिसमिल जमीन देने की बात कही थी, लेकिन अपने इस वादे को भी नीतीश सरकार ने पूरा नहीं किया। बिहार प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में चिराग पासवान ने पहले ही यह एलान कर दिया है कि लोजपा बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों पर अपने 143 उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। इस मुद्दे पर पूर्व सांसद काली पांडेय ने कहा कि जदयू के कैंडिडेट्स के खिलाफ भी लोक जनशक्ति पार्टी को अपना उम्मीदवार उतारना चाहिए।