बिहार :औरंगाबाद में पिता, दो पुत्र और दो बहुओं को उम्र कैद की सजा
गया, 30 जनवरी (हि.स.)।औरंगाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-12 दिनेश कुमार प्रधान ने शनिवार को मृतका संगीता देवी और उनकी पुत्री प्रियंका कुमारी हत्याकांड में कामेश्वर सिंह, कामेश्वर सिंह के दो पुत्र ब्रजेश सिंह और अनुज सिंह के अलावे दो बहुएं बेबी देवी और सरमिता देवी को उम्र कैद की सजा सुनाई है।साथ ही एडीजे-12 दिनेश कुमार प्रधान ने पिता और दोनों पुत्रों पर दस-दस हजार रुपया और दोनों बहुओं पर तीन-तीन हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
उल्लेखनीय है कि साढ़े आठ साल पहले औरंगाबाद के नवीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रजवरिया गांव की संगीता देवी और उनकी पुत्री प्रियंका कुमारी की बेरहमी से तेज धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश-12 दिनेश कुमार प्रधान ने मां-बेटी दोहरे हत्याकांड में सोमवार को सभी पांच आरोपियों को दोषी ठहराया था।एक अन्य आरोपी जय कुमार को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया था।
अदालत के फैसले को लेकर शनिवार को काफी गहमागहमी थी। दोषियों के परिजन और समर्थक अदालत के फैसले को लेकर बेचैन थे। अदालत के फैसले के बाद उम्र कैद की सजा पाने वाले दोषियों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील नरेश प्रसाद और पीड़ित पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता योगेन्द्र नारायण सिंह और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह एवं योगेन्द्र प्रसाद योगी ने अदालत में पक्ष रखा।
मृतका संगीता देवी की पुत्री और प्रिया कुमारी की बहन खुशबू कुमारी के लिखित फर्द बयान पर नवीनगर थाना में कांड संख्या 108/2012 दर्ज की गई थी। खुशबू घटना के समय तत्कालीन पुलिस महानिदेशक अभयानंद के मार्गदर्शन में संचालित मगध सुपर 30 की छात्रा थी। खुशबू आईटी सेक्टर की एक विख्यात कंपनी में बतौर इंजीनियर कार्यरत है। खुशबू अपने पैरों पर न केवल खड़ी होने में सफल है। बल्कि अपनी मां और बहन के हत्यारों जो “अपने” हैं। उन्हें सजा दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
वरिष्ठ अधिवक्ता योगेन्द्र नारायण सिंह ने बताया कि घटना 22 जुलाई 2012 की है।जब संगीता देवी के ससुर कामेश्वर सिंह देवर ब्रजेश सिंह,अनुज सिंह और गोतनी बेबी देवी और सरमिता ने मां-बेटी को बेरहमी से हत्या कर दी। मां-बेटी का शव कररवर नदी में बोरा में बंद कर फेंक दिया था। संगीता देवी का शव बेलबिगहा गांव और प्रिया कुमारी का शव सोन नदी से पुलिस ने बरामद की थी। करीब साढ़े आठ साल बाद रिश्ते को खून से तार-तार करने वाले मृतका प्रिया के दादा,दो चाचा और दो चाची अदालत से उम्र कैद की सजा हुई। मृतका प्रिया कुमारी की सगी मौसी बेबी देवी और ब्रजेश सिंह मौसा और संगीता देवी की बहन और बहनोई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता योगेन्द्र सिंह ने बताया कि हत्या का कारण संपत्ति विवाद था।जो अभियोजन पक्ष अदालत में प्रमाणित करने में सफल रहा। उन्होंने आगे कहा कि वैज्ञानिक साक्ष्य दोषियों को सजा दिलाने में काफी मददगार साबित हुआ।
बेबी ने सजा सुनते ही ससुर पर निकाली भड़ास
एडीजी-12 दिनेश कुमार प्रधान ने सभी पांचों दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई।दोषी बेबी देवी ने अपने ससुर कामेश्वर सिंह को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि अब रख ल बेईमानी करके पैसा।इ पैसा कौन काम के रहलो। वरिष्ठ अधिवक्ता योगेन्द्र नारायण सिंह ने बताया कि एक ट्रैक्टर की बिक्री और परिवार में बंटवारा के बाद डेढ़ लाख रुपया संगीता देवी को दिया जाना था। उक्त राशि को ससुर कामेश्वर सिंह अपनी विधवा बहू संगीता देवी को नहीं दे रहे थे।
संगीता देवी ने इस बात का जिक्र अपनी बेटी खुशबू को लिखे पत्र में की थी। उक्त पत्र को साक्ष्य के रूप में अदालत में अभियोजन पक्ष ने रखा।जो हत्या के कारण के रूप में अभियुक्तों के खिलाफ प्रमाण सिद्ध हुआ। संगीता देवी के पति रौशन सिंह की असामयिक मौत 2001 में हुई थी। संगीता देवी अपनी पुत्रियों के साथ ससुराल में रहती थी।