औरत मार्च पर प्रतिबंध लगाने की अर्जी पर लाहौर हाईकोर्ट ने प्रांतीय और संघीय सरकार को भेजा नोटिस
इस्लामाबाद, 25 फरवरी (हि.स.)। लाहौर हाई कोर्ट ने औरत मार्च को राज्य और इस्लाम विरोधी होने के कारण उस पर प्रतिबंध लगाने की याचिका पर संघीय और प्रांतीय सरकार को नोटिस भेजा है। यह याचिका एडवोकेट अजहर सिद्दकी ने दायर की है। कहा गया है कि प्रथम दृष्टया औरत मार्च महिलाओं द्वारा सामना करने वाले प्रमुख मुद्दों को उठाने का असफल प्रयास है।
याचिकाकर्ता सिद्दकी का कहना है कि सैकड़ों महिलाएं एक बार फिर से विभिन्न संदेशों को देते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हाथों में तख्तियां लेकर मार्च निकालेंगी। यह कथित तौर पर अराजकता और असभायता दर्शाता है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि महिला दिवस का उद्देश्य है महिलाओं को उनकी उपलब्धियों के लिए सराहना। साथ ही घरेलू हिंसा, भेदभाव और क्रूरता झेल रही महिलाओं के प्रति सहानभूति दर्शाना।
सिद्दीकी ने कहा कि ऐसी कई राज्य विरोधी पार्टियां हैं जो इस अैारत मार्च से जनता के बीच अराजकता फैलाने के मकसद से इनकी वित्तीय तौर पर समर्थन कर रही हैं। याचिका में मार्च को इस्लाम के मानदंडों के खिलाफ बताया है और इसका एजेंडा अराजकता, अश्लीलता और नफरत फैलाना कहा गया है। साथ ही अदालत से मांग की गई है कि औरत मार्च से संबंधित विज्ञापन को सोशल मीडिया पर रोका जाए और विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित किया जाए।