नई दिल्ली, 20 नवम्बर (हि.स.)। उपराज्यपाल ने ‘दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम’ 1954 की धारा 81 के तहत अनधिकृत कालोनियों के निजी भूमि से संबंधित दर्ज सभी मामलों को वापस लेने के निर्देश जारी किए हैं। भारत सरकार ने इस संबंध में रेग्युलेशन 2019 जारी किया है ताकि इन कालोनियों के निवासियों को उनकी भूमि का पूर्ण स्वामित्व प्राप्त हो सके।
उपराज्यपाल ने दिल्ली के अनधिकृत कालोनियों में तेजी से विकास कार्य करने के लिए दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन अधिनियम की धारा 507 के तहत 79 गांवों के शहरीकरण को मंजूरी दी है।
इसके अलावा दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम धारा 507 के तहत शहरीकृत घोषित किए गए ग्रामीण कालोनियों में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा विकास कार्य योजना तैयार होगी, जिससे कि स्थानीय नगर निकाय इन कालोनियों में नागरिक एवं मूलभूत सामुदायिक सुविधाएं प्रदान कर सकें। इससे इन कालोनियों का तेजी से विकास होगा।
दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम 1954 की धारा 81 के तहत ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों के भू-स्वामियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही का प्रावधान था, जिन्होंने निजी कृषि भूमि का उपयोग कृषि कार्य व बागवानी के अतिरिक्त अन्य उद्देश्य के लिए किया हो। उपराज्यपाल के धारा 81 के तहत दर्ज सभी मामले वापस लेने के आदेश से इन कालोनियों के निवासियों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी और उन्हें किसी कानूनी अड़चन का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अनधिकृत कालोनियों के नियमितिकरण से दिल्ली की इन कालोनियों का तेजी से विकास होगा और इनके निवासियों को स्पष्ट भू-स्वामित्व प्राप्त होगा। साथ ही इन कालोनियों में सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी। इसके अलावा इन कालोनियों में क्रेडिट लिंक सब्सिडी तथा लोन या मॉर्गेज का लाभ भी मिलेगा। भूमि पंजीकरण तथा भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और धोखाधड़ी और जालसाजी की गुंजाइश नहीं रहेगी तथा सम्पूर्ण इलाके का पुनर्विकास होगा।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम उदय योजना के तहत दिल्ली के अनधिकृत कालोनियों के निवासियों को भू-स्वामित्व का अधिकार देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (रिक्गनेशन आफ प्रोपर्टी राइटस इन अनअथाराइज्ड कालोनी) रेग्युलेशन 2019 पास किया है।
उपराज्यपाल ने कहा कि इस महत्वपूर्ण कदम से प्रधानमंत्री उदय योजना के लिए गए निर्णयों के परिप्रेक्ष्य में दिल्ली की नियमित की गई अनधिकृत कालोनियों के निवासियों को संपत्ति का भू-स्वामित्व प्राप्त हो सकेगा और इन कालोनियों का तेजी से विकास होगा।