जातीय जनगणा पर केंद्र को पत्र लिखा गया है, खुद ही कराना ठीक नहीं: नीतीश कुमार

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पटना, 16 अगस्त (हि.स.)।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत में विपक्षी दल राजद पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि हमें खुद ही जातीय जनगणना करा लेनी चाहिए, ये ठीक नहीं है। निर्णय केंद्र सरकार को लेना है। इस मुद्दे पर बताचीत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया है। वे जब बुलाएंगे, तब इस पर बातचीत कर ली जाएगी।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 13 तारीख को पीएम के यहां से एक पत्र आया है उसमें लिखा था कि आपका पत्र मिला। ऐसा नहीं है कि उन्होंने स्वीकार नहीं किया है जब उनके यहां से बुलावा आयेगा तब जायेंगे, पीएम के पास बहुत तरह के काम होते हैं।

सीएम नीतीश ने राज्य सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने के बारे में कहा कि केंद्र को पत्र लिखा गया है।इतना जल्दी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं है। जातीय जनगणना होनी चहिये। जातीय जनगणना से नई पीढ़ी को हर विषय की जानकारी होगी। कई राज्यों ने पहले खुद ही जातीय जनगणना कराई है, लेकिन हम आपस में बात करके ही किसी निर्णय तक पहुंचेंगे।

उन्होंने कहा कि 2011 में हुई जनगणना अलग से कराई थी, उसकी रिपोर्ट ठीक नहीं थी। नीतीश ने कहा कि अगल-अलग जातियों की जानकारी से उनके संरक्षण के लिए बेहतर कार्य हो सकेंगे।आंकड़ा आने से सबका विकास हो सकेगा। बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सियासत हावी है। इसको लेकर विपक्ष खासकर राजद केंद्र के साथ राज्य सरकार को भी कटघरे में घेर रही है। साथ ही राजद राज्य सरकार से मांग कर रही है कि यदि केंद्र द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराई जा रही है तो राज्य सरकार को स्वयं के पैसे से करावने की बात कह रही है। सीएम नीतीश केंद्र सरकार के फैसले का इंतजार कर रही है।वहीं जातीय जनगणना को लेकर बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रेणु ने स्पष्ट कह दिया कि केंद्र नहीं करवाएगी जातीय जनगणना, राज्य सरकार जातीय जनगणना करवाने के लिए स्वतंत्र है। जातीय जनगणना को लेकर भाजपा का स्पष्ट रूख है कि देश में अनुसूचित जाति और जनजाति को छोड़कर पूरे देश का एक ही जनगणना होगी, न कि किसी जाति की जनगणना होगी। इसके लिए केंद्र राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में स्पष्ट किया था कि देश में जातीय जनगणना करवाने की कोई जरूरत नहीं है।

दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे ग्यारह माह के अय़ांश को लेकर पहुंचे माता-पिता

इससे पहले जनता दरबार में दुलर्भ बीमारी से जूझ रहे 11 महीने के अयांश को लेकर उसके माता-पिता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में पहुंचे। हालांकि रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण उन्हें बाहर ही बिठा दिया गया। अयांश का इलाज सिर्फ एक इंजेक्शन है जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये बताई जाती है। पटना के रहने वाले आलोक और नेहा अपने बेटे के इलाज के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी गुहार लगा चुके हैं। सोमवार को वे मदद की आस लिए सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में पहुंचे। अयांश के माता-पिता के अनुसार जन्म के दो महीने बाद ही अयांश की तबीयत बिगड़ने लगी थी। पटना के कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद अंत में वे अयांश को लेकर बेंगलुरु के निमहंस गए। वहां पांच डॉक्टरों की टीम ने अयांश की जांच की। इसके बाद अयांश की गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी का पता चला।

गांव में सड़क न बनने की मिली शिकायत

जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आज गांव तक सड़क नहीं बनने की कई शिकायतें भी मिलीं। ऐसी शिकायतों को सुनकर खुद सीएम भी चौंक गए। गोपालगंज जिले से आए एक युवक ने बताया कि गांव तक जाने के लिए सड़क तो बनी है, लेकिन अनुसूचित जाति का टोला गांव से अलग है और यहां जाने के लिए सड़क अब तक नहीं बनी है। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जाहिर किया और खुद ही अधिकारी को फोन लगा कर पूछा कि ऐसा कैसे संभव हो सकता है? उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के टोलों के लिए तो सड़क बनाने का साफ निर्देश पहले ही दे दिया गया है।

जनता दरबार में नाली-गली और सड़क की ढेरों शिकायतें अलग-अलग जिले से आईं। सीएम ने पूछा कि गांव तक तो सड़क बनी है न? हो सकता है कि आपके मुहल्ले तक सड़क नहीं बनी हो। औरंगाबाद की एक महिला आवास योजना का लाभ नहीं मिलने की शिकायत लेकर पहुंची। इस पर सीएम ने अधिकारी को फोन लगा कर मामले को दिखवाने को कहा। एक शिकायत सड़क का एलाइनमेंट बदलने को लेकर आई। सीएम ने इस पर भी आश्चर्य जताया और जांच कराने का निर्देश दिया।

औरंगाबाद जिले से आए एक युवक ने बताया कि उसके गांव की नहर में पानी नहीं है। इस पर सीएम ने कहा कि पूरे राज्य में बाढ़ आई है और कैसे इस नहर में पानी नहीं आ पाया। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारी को मामले की जांच करने को कहा। खगौल नगर परिषद से आए एक युवक ने कहा कि पथ निर्माण विभाग और नगर निकाय की आपसी खींचतान में सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है।


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