​​लद्दाख में सेना के फ्रंटलाइन वर्कर्स ने भी ली कोरोना वैक्सीन

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चीन सीमा की अग्रिम चौकियों पर सैनिकों का अगले चरण में होगा वैक्सीनेशन   लेह और लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए सेना को मिली 3,820 कोविड वैक्सीन दिल्ली के सेना अस्पतालों में कोरोना वारियर्स को दी गई वैक्सीन की पहली डोज 



नई दिल्ली, 16 जनवरी (हि.स.)। देश भर में शनिवार से शुरू हुए पहले चरण के कोविड टीकाकरण के लिए लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए 3,820 खुराकें हासिल की हैं। इसी के साथ ही ​आज से लेह स्थित 14वीं कोर के मिलिट्री-हॉस्पिटल में वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। सेना के फ्रंटलाइन वर्कर्स यानि सैन्य डाक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। राजधानी दिल्ली में भी  बेस हॉस्पिटल और आरआर आर्मी हॉस्पिटल में कोरोना  वारियर्स ​का वैक्सीनेशन किया गया। चीन सीमा की अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों को अगले चरण में कोविड वैक्सीन दिए जाने की योजना है।
लेह स्थित 14वीं कोर (फायर एंड फ्यूरी) कोर की जिम्मेदारी पूर्वी लद्दाख में चीन से सटी एलएसी की सुरक्षा करना है, जहां पिछले आठ महीने से दोनों देशों की सेनाओं में तनातनी चल रही है। कोविड वैक्सीनेशन के पहले चरण में चीन सीमा पर लेह-लद्दाख में तैनात सेना के जवानों का टीकाकरण किया जाना है। इसके लिए सेना को वैक्सीन की 4000 डोज मिली है जिनमें 3,820 खुराकें अकेले लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए हैं। आज लेह स्थित 14वीं कोर के मिलिट्री-हॉस्पिटल में वैक्सीनेशन शुरू हुआ। ​सेना के फ्रंटलाइन वर्कर्स यानि सैन्य डाक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। इसके अलावा लेह में इंडो तिब्बती सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 20 जवानों, 3 डॉक्टरों (2 महिलाएं, 1 पुरुष) और 17 अन्य पैरामेडिक्स कर्मचारियों को आज टीका लगाया गया है। लेह में तैनात आईटीबीपी की डॉक्टर कात्यायनी शर्मा पांडे ने भी वैक्सीन लगवाई।
 
​इसके अलावा राजधानी दिल्ली के कैंट में स्थित बेस अस्पताल में कोविड वारियर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा का सबसे बड़ा बेस अस्पताल है। इसके अलावा दिल्ली के ​​आर्मी हॉस्पिटल (आरएंडआर) और सशस्त्र बल क्लिनिक में कोरोना वारियर्स को वैक्सीन का टीका लगाया गया। ​मुंबई की पश्चिमी नौसेना कमान में नौसेना के अस्पताल आईएनएचएस असविनी में टीकाकरण शुरू हुआ। अभियान की शुरुआत अस्पताल की आरएडीएम शीला मथाई ने टीका की पहली खुराक लेकर की। इसके बाद चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ सहित कुल 100 स्वास्थ्य सेवा श्रमिकों को टीका लगाया गया। वैक्सीन लेने वालों में से  किसी को भी कोई तकलीफ नहीं हुई। 
 
अधिकारियों ने कहा कि सैनिकों का जल्द से जल्द टीकाकरण करने के लिए विस्तृत योजना बनाई गई है। सशस्त्र बलों के चिकित्सा कर्मियों के बाद सीमा पर संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को प्राथमिकता पर रखा गया है। अधिकांश सैन्य स्टेशनों में टीकाकरण केंद्रों को अधिसूचित किया गया है और अधिकतम दक्षता सुनिश्चित करने के लिए ‘ड्राई रन’ के दौरान तैयारियां की गईं हैं। नौसेना ने टीकाकरण की प्राथमिकता सूची में उन पनडुब्बी चालक दल को रखा है जहां ताजी हवा की कमी है। अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप से बचाने के लिए अग्रिम पंक्ति के क्षेत्रों में तैनात किए गए सक्रिय सैनिकों को अलग-थलग रखा गया है। इसलिए फ्रंटलाइन पर कोविड का कोई बड़ा मामला नहीं है क्योंकि बहुत सख्त प्रोटोकॉल का पालन किया गया है, जिसमें छुट्टी से वापस आने वालों के लिए अनिवार्य अलगाव शामिल भी है।
 

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