दिल्ली से लौटे लोगों को बॉर्डर पर ही रोकेगी बिहार सरकार

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राज्य की सीमा पर बने कैंपों में रहना होगा 14 दिनों तक



पटना, 30 मार्च (हि.स.)। कोरोना महामारी के लगातार बढ़ रहे खतरे को देखते हुए बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए अंतिम तारीख तय की जाए। बिहार के मुख्य सचिव ने रविवार को केंद्रीय गृह सचिव और दिल्ली के कैबिनेट सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। गृह विभाग के अपर सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि बिहार के बाहर से आ रहे भारी संख्या में प्रवासी लोगों के लिए सरकार ने बिहार पुलिस को अलर्ट कर दिया है। लेकिन, इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि आने वाले लोगों की संख्या सीमित हो।

दिल्ली से लौटे लोगों को बिहार की सीमा पर ही रोकने का आदेश जारी किया गया है। रविवार को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी विभागों के प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी सहित डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय मौजूद थे।

बैठक के बाद गृह विभाग अपर सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि  प्रवासी लोगों को हर हाल में बॉर्डर पर ही रोका जा रहा है और उनको फिलहाल घर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। सीमा पर बड़े-बड़े अस्थायी कैंप बनाये गये हैं। साथ ही आनेवाले लोगों की सूची भी बनाई जा रही है। बिहार में झारखण्ड और बंगाल से भी कुछ लोग आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई बसें बिहार पहुंच भी गई हैं। सभी को बॉर्डर पर रोक दिया गया है। लोगों की स्क्रीनिंग कराई जा रही है। किसी भी हाल में लोगों को अपने घर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उनके खाने-पीने से लेकर सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। 14 दिनों तक लोगों को बॉर्डर पर बने अस्थायी कैंप में ही रहना होगा।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली-एनसीआर से हजारों की संख्या में लोग अपने घर जाने के लिए पैदल ही निकले थे। इसे देखते हुए दिल्ली और यूपी सरकार ने बसों का इंतजाम किया। लोगों को बस से बिहार लाया जा रहा है।

राज्य से लगती सीमा पर बनाए गए अस्थायी कैंपः डीजीपी

बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि क्राइसिस मैनजमेंट ग्रुप की बैठक में लिये गये फैसले के अनुसार कई जिलों की सीमा पर 3 से 5 हज़ार लोगों के लिए अस्थायी कैंप बनाये गये हैं। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य से लगती हर जिले की सीमा पर कोरोना स्क्रीनिंग के लिए वहां के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। रविवार को पटना में ही प्रवासी मजदूरों के बिहार आने को लेकर उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस दौरान बिहार सरकार के अधिकारियों की दिल्ली सरकार के अधिकारियों से बातचीत हुई। बिहार ने दिल्ली को हालात से अवगत कराया।

एक दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जताया था ऐतराज

इससे एक दिन पहले 28 मार्च को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली और यूपी में फंसे लोगों को विशेष बस से बिहार भेजने के फैसले पर एतराज जताया था। कहा था, विशेष बसों से लोगों को भेजना गलत कदम है। इससे बीमारी और फैलेगी जिसकी रोकथाम और उससे निपटना सबके लिए मुश्किल हो जाएगा। जो जहां हैं उनके लिए वहीं रहने और खाने की व्यवस्था की जाए। यह फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह फेल कर देगा।

 


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