न्यूयार्क / नई दिल्ली, 20 नवम्बर ( हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी संगठनों और अपराधी गिरोहों के बीच गठजोड़ है। यह गठजोड़ पूरी दुनिया के लिए खतरा है। उन्होंने यह बात बुधवार को संयुक्त राष्ट्र और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के बीच सहयोग संवाद के लिए आयोजित सम्मलेन में कही।
सैयद अकबरूद्दीन ने कहा, अपराधी गिरोह अपनी असामाजिक गतिविधियों से आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया कराते हैं। नशीले पदार्थों की तस्करी, हथियारों की अवैध खरीद फरोख्त, मानव तस्करी, यौन शोषण और कलाकृतियों के कारोबार के जरिये भारी धनराशि का लेनदेन करते हैं। आतंकवादी संगठन और अपराधी गिरोह साथ मिलकर काम करते हैं और कभी-कभी आतंकवादी और अपराधी में भेद कर पाना भी मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने कहा, यह संगठन विभिन्न देशों में मजहबी कट्टरता फैलाने के लिए रंगरूटों की भर्ती करते हैं। इसके लिए साइबर माध्यम और सोशल मीडिया का उपयोग किया जाता है। उल्लेखनीय है कि रूस और चीन के प्रभाव वाले संगठन एससीओ में भारत और पाकिस्तान दोनों शामिल हैं। इस संगठन में द्विपक्षीय मामले नहीं उठाए जा सकते इसलिए भारतीय प्रतिनिधि ने आतंकवादी खतरे के संबंध में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन उनका संकेत साफ था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र के धनशोधन निरोधक कार्रवाई दल (एफएटीएफ) को अधिक कारगर बनाने और एससीओ देशों की आतंकवाद विरोधी प्रणाली को और सक्रिय करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देशों की सीमाओं के आर-पार आतंकवादियों और अपराधियों की गतिविधियों पर काबू पाने के लिए मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है। दुर्भाग्य से इस संबंध में विश्व समुदाय का रवैया लचर है।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे विश्व संगठनों से आतंकवादियों और उनके सगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने का आग्रह किया। साथ ही, आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए व्यापक अंतरराष्ट्रीय समझौता किये जाने पर जोर दिया। अकबरूद्दीन ने कहा कि आतंकवादियों और अपराधियों की मंशा और उनका शक्ति स्रोत एक जैसा है। दोनों मिलकर विकास, प्रशासन और समाज जीवन को तहस-नहस करने की कोशिश करते हैं।