नई दिल्ली, 18 सितम्बर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने लद्दाख के लिए महत्वाकांक्षी हवाई संपर्क योजना को मंजूरी दे दी है। अब लद्दाख के सभी क्षेत्र जल्द ही हवाई मार्ग से जुड़ जाएंगे। लद्दाख क्षेत्र की 6 घाटियों में 6 हवाई पट्टी का निर्माण किया जाना है। मौजूदा समय में लेह और कारगिल में ही एयरस्ट्रिप है। इसके अलावा भारत-चीन सीमा के पास 22 उन्नत हेलीपैड भी बनाए जाने हैं। इस योजना पर इसी साल के अंत तक काम शुरू कर दिया जाएगा।
भारत-चीन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का विकास करने के लिए बनाई गई योजना को केंद्र सरकार ने जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। इसीलिए सबसे पहले लद्दाख के सभी इलाकों को जल्द ही हवाई रूट से जोड़ा जाना है। वैसे तो लद्दाख पहले से ही हवाई मार्ग से जुड़ा है लेकिन अब केंद्र सरकार ने जिस महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है, उसके मुताबिक लेह और कारगिल में उन्नत तकनीक के 22 हेलीपैड बनाने का लक्ष्य है। इनमें से 7 हेलीपैड लेह में होंगे, जबकि 15 हेलीपैड कारगिल में होंगे। लद्दाख के डेमचोक, लिंगशेक, चुशूल इलाकों में हेलीपैड बनाए जाने हैं। मौजूदा समय में लद्दाख रीजन में 8 हेलीपैड हैं, जिनमें 5 लेह में और 3 कारगिल में हैं, जिनका आधुनिकीकरण किया जाना है। इसके अलावा 14 नए आधुनिक हेलीपैड बनाए जाएंगे, जिसमें से 2 लेह में और 12 कारगिल में होंगे। इस तरह लद्दाख रीजन में 22 अत्याधुनिक हेलीपैड हो जायेंगे।
केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक इसी योजना के तहत लद्दाख क्षेत्र की 6 घाटियों में 6 हवाई पट्टियां बनाई जानी हैं। मौजूदा समय में सिर्फ लेह और कारगिल में ही एयरस्ट्रिप है। लेह की 3 हवाई पट्टियों पर काम शुरू कर दिया गया है जबकि लद्दाख की तीन और घाटियों में भी जल्द ही हवाईपट्टी बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। ज्यादातर बनने वाले नए हेलीपैड भारत-चीन सीमा के पास हैं। इसलिए किसी भी आपातकालीन जरूरत जैसे प्राकृतिक आपदा या स्थानीय नागरिकों की मेडिकल इमरजेंसी को पूरा करने के लिए ये हेलीपैड बेहद अहम कड़ी साबित होंगे।
सड़कों का बजट भी 1,200 करोड़ रुपये बढ़ाया गया
इसके अलावा सरकार ने एलएसी के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में रणनीतिक सड़कों के लिए बजट में 1,200 करोड़ रुपये की वृद्धि की है। लद्दाख के सीमा क्षेत्रों में कई और सड़कों का निर्माण कराया जाना है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लेह के पास तीन पुलों का निर्माण किया है जो एलएसी के साथ गतिरोध के दौरान भारतीय सेना के टैंकों की आवाजाही के काम में आते हैं। यह लद्दाख की अग्रिम चौकी निम्मू और बासगो इलाकों को भी जोड़ते हैं। अब सड़कों और पुलों के लिए अतिरिक्त 1,200 करोड़ का बजट मिलने से इस कार्य में और तेजी आएगी।