नई दिल्ली, 18 जुलाई (हि.स.)। केंद्र सरकार ने लद्दाख के लिए महत्वाकांक्षी हवाई संपर्क योजना को मंजूरी दे दी है। अब लद्दाख के सभी क्षेत्र जल्द ही हवाई मार्ग से जुड़ जाएंगे। लद्दाख क्षेत्र में हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए सरकार केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में चार नए हवाई अड्डे और 37 हेलीपैड बनाने की योजना बना रही है। लद्दाख क्षेत्र की 6 घाटियों को भी हवाई पट्टियों से जोड़ा जाएगा। मौजूदा समय में लेह और कारगिल में ही एयरस्ट्रिप है। इनमें से कई हवाई पट्टियों के इसी साल के अंत तक चालू होने की संभावना है।
भारत-चीन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख का विकास करने के लिए बनाई गई योजना को केंद्र सरकार ने जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। इसीलिए सबसे पहले लद्दाख के सभी इलाकों को जल्द ही हवाई रूट से जोड़ा जाना है। वैसे तो लद्दाख पहले से ही हवाई मार्ग से जुड़ा है लेकिन अब केंद्र सरकार ने जिस महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है, उसके मुताबिक लेह और कारगिल में उन्नत तकनीक के 37 हेलीपैड बनाने का लक्ष्य है। इनमें से 7 हेलीपैड लेह में और 30 हेलीपैड कारगिल में होंगे।लद्दाख के डेमचोक, लिंगशेक, चुशूल इलाकों में 06 हवाई पट्टियों का निर्माण किया जाना है। कारगिल में अभी तक हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल सिर्फ भारतीय वायु सेना करती है और अभी तक नागरिक संचालन शुरू करने के लिए अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ है।
मौजूदा समय में लद्दाख रीजन में 8 हेलीपैड हैं, जिनमें 5 लेह में और 3 कारगिल में हैं, जिनका आधुनिकीकरण किया जाना है। सरकार ने अब कारगिल क्षेत्र में एक वैकल्पिक नागरिक हवाई अड्डे के लिए भूमि की पहचान की है। इसके अलावा 29 नए आधुनिक हेलीपैड बनाए जाएंगे जिसमें से 2 लेह में और 27 कारगिल में होंगे। इस तरह लद्दाख रीजन में 37 अत्याधुनिक हेलीपैड हो जाएंगे। लेह की 3 हवाई पट्टियों पर काम शुरू कर दिया गया है जबकि लद्दाख की तीन और घाटियों में भी जल्द ही हवाईपट्टी बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। ज्यादातर बनने वाले नए हेलीपैड भारत-चीन सीमा के पास हैं। इसलिए किसी भी आपातकालीन जरूरत जैसे प्राकृतिक आपदा या स्थानीय नागरिकों की मेडिकल इमरजेंसी को पूरा करने के लिए ये हेलीपैड बेहद अहम कड़ी साबित होंगे।
सरकार ने पहले ही चार नए हवाईअड्डों के लिए भूमि की पहचान कर ली है जहां बड़े विमान उतारे जा सकेंगे। इसके अलावा सरकार लेह शहर के लिए एक वैकल्पिक हवाई क्षेत्र और जांस्कर घाटी से सीधे जुड़ने की योजना बना रही है। सरकार पैन्गोंग झील से जुड़े चांगटांग के पास भी एक हवाई अड्डा बनाने की योजना बना रही है, जहां पिछले साल चीन के साथ सीमा तनाव बढ़ गया था। इस साल फरवरी में समझौता होने के बाद झील के दोनों किनारों से सेनाओं को पीछे हटाया गया है। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख दूरस्थ और दुर्गम भागों में फैला हुआ है। यह हवाई पट्टियां बन जाने के बाद भारी चिनूक हेलीकॉप्टर उतारे जा सकेंगे। इनमें से कई हवाई पट्टियों के इसी साल के अंत तक चालू होने की संभावना है।