रांची, 18 नवंबर (हि.स.)। पूर्व नक्सली कुंदन पाहन ने सोमवार को तमाड़ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया। निर्दलीय उम्मीदवार पाहन को कड़ी सुरक्षा के बीच तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के बुंडू अनुमंडलीय कार्यालय लाया गया। इसके बाद पाहन ने नामांकन किया।
नामांकन के अंतिम दिन होने के कारण सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपने-अपने उम्मीदवारों के समर्थन में निर्वाचन कार्यालय के बाहर डटे थे। पूर्व नक्सली होने के कारण सुरक्षा को लेकर पुलिस सतर्क थी। मीडिया से कुन्दन पाहन से बातचीत करने की इजाजत नहीं दी गयी। निर्वाचन को लेकर बुंडू अनुमंडलीय नामांकन कार्यालय के बाहर बैरिकेडिंग लगाकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद किया गया था। अनुमंडलीय कार्यालय के बाहर जगह-जगह पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। नामांकन का अंतिम दिन होने के कारण अत्यधिक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बड़ी मात्रा में पुलिस बलों को भी लगाया गया था।
उल्लेखनीय है कि पूर्व नक्सली कुंदन पाहन को पहले झारखंड पार्टी ने टिकट दिया था, लेकिन बाद में उनका टिकट काट दिया गया। इसके बाद कुंदन ने निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में नामांकन किया। कुंदन पाहन को एनआईए की विशेष अदालत में 11 नवंबर को चुनाव लड़ने की अनुमति दी थी।
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के झारखंड रीजनल कमेटी के सचिव कुंदन पाहन ने 14 मई 2017 को पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था। वह डीएसपीए, इंस्पेक्टर की हत्या समेत 120 से आपराधिक मामलों में वांछित है। खूंटी में 50, रांची में 42 चाईबासा में 27, सरायकेला में 7, गुमला में एक कांड दर्ज हैं। कुंदन पर 15 लाख रुपए का इनाम भी घोषित था। कुंदन 2000 में भाकपा माओवादी में शामिल हुआ। इसके बाद उसने झारखंड में कई वारदातों को अंजाम दिया। कुंदन पर सांसद सुनील महतो, पूर्व मंत्री और विधायक रमेश सिंह मुंडा, बुंडू डीएसपी प्रमोद कुमार समेत छह पुलिसकर्मी और स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार की हत्या का भी आरोप है। इसके अलावा एक प्राइवेट बैंक से पांच करोड़ रुपए और एक किलो सोना लूटने का भी आरोप है। कुंदन पाहन ने सरेंडर के वक्त बताया था कि खूंटी जिले में उसके पास 2700 एकड़ पुश्तैनी जमीन है।