सेफ भोग प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला देश का प्रथम जैन तीर्थ बना कुंडलपुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर

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दमोह, 25 नवम्बर (हि.स.)। राज्य सरकार ने प्रदेश स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों पर शुद्ध एवं सुरक्षित प्रसाद एवं भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भोग प्रोजेक्ट प्रारंभ किया है। इसी उद्देश्य को लेकर कलेक्टर तरुण राठी के अथक प्रयासों से दमोह जिले की तहसील पटेरा के ग्राम कुंडलपुर स्थित श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर की भोजन शाला को सेफ भोग प्रोजेक्ट अनुसार बनवाया गया। अब इस भोजन शाला का सेफ भोग शाला के रूप में चयन हुआ है। केंद्रीय ऑडिटर की फाइनल रिपोर्ट में कंप्लायंस प्राप्त होने पर श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र भोजन शाला भारत का ऐसा प्रथम जैन तीर्थ स्थल बन गया है, जिसे सेफ भोग प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है।
दमोह के सहायक जनसम्पर्क संचालक सुनील वर्मा ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दमोह डॉ. संगीता त्रिवेदी ने सुव्यवस्थित कार्ययोजना के तहत फाइनल ऑडिट की तैयारी खाद्य सुरक्षा अधिकारी राकेश अहिरवाल के निर्देशन में की गई, जिसके तहत कुंडलपुर में श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र मंदिर स्थित भोजनशाला का फाइनल ऑडिट एफएसएसएआई से निर्धारित केंद्रीय ऑडिटर शैलेन्द्र भाटी द्वारा जारी फाइनल ऑडिट में श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर को 47 फूड सेफ्टी पैरामीटर्स में कंप्लायंस करने पर कुल निर्धारित 114 अंक में से 104 अंक प्राप्त हुए हैं, जो कि अनुकरणीय, प्रतिमान की श्रेणी में है।
श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर को सेफ भोग प्रमाण पत्र प्राप्त करवाने में श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर की प्रबंधन समिति अध्यक्ष संतोष सिंघई, महामंत्री नवीन निराला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्र सेठ, गौरव जैन इंजीनियर, रेशु जैन, भोजन शाला प्रभारी महेश दिगंबर सहित अन्य मंदिर समिति सदस्यों एवं स्टाफ मेंबर्स का सहयोग रहा है।
ज्ञातव्य है कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के प्रोजेक्ट “सेफ भोग” का मुख्य उद्देश्य भारत में विभिन्न धार्मिक तीर्थ स्थलों-पूजा स्थलों पर शुद्ध एवं सुरक्षित प्रसाद एवं भोजन को श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराना है। BHOG का मतलब (भोग-ब्लिसफुल एंड ह्यजीनिक ऑफरिंग टू गॉड) अर्थात “ईश्वर के लिए आनंदमय एवं स्वच्छ अर्पण” है। इसके तहत सभी पूजा स्थलों में वितरित होने वाला प्रसाद एवं भोजन एवं उसके समीप खाद्य प्रतिष्ठानों को फूड सेफ्टी के तहत फूड लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होता है। इन स्थानों पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न प्रावधानों का पालन करना आवश्यक होता है।

 


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