कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया
नई दिल्ली, 29 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में कॉमेडियन कुणाल कामरा ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया। कामरा ने कहा है कि याचिकाकर्ता को कॉमेडी की समझ नहीं है। सिर्फ कुछ चुटकुलों से लोगों की नज़र में न्यायपालिका का सम्मान कम नहीं हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अवमाननापूर्ण ट्वीट के मामले में 18 दिसंबर 2020 को कुणाल कामरा के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के मामले में नोटिस जारी किया था। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने कार्टूनिस्ट रचित तनेजा को भी नोटिस जारी कर छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने दोनों को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी थी।
यह याचिका अभ्युदय मिश्रा, स्कंद वाजपेयी और श्रीरंग कटनेश्वर ने दायर की है। सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील निशांत कटनेश्वर ने कहा था कि इस मामले में अटार्नी जनरल ने भी कोर्ट की अवमानना का मामला चलाने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कुणाल कामरा के ट्वीट्स को पढ़ते हुए उन्हें न्यायपालिका की गरिमा को गिराने वाला बताया था। अटार्नी जनरल ने 12 नवंबर 2020 को कहा था कि लोग समझते हैं कि वे कोर्ट के बारे में कुछ भी कह सकते हैं लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी अवमानना कानून के अधीन है। अटार्नी जनरल ने कहा था कि मैंने ट्वीट्स देखे हैं। अब यह कोर्ट पर निर्भर है कि वो क्या फैसला करती है। आपराधिक अवमानना का मामला बनता है। अटार्नी जनरल को एक लॉ स्टूडेंट और दो वकीलों ने पत्र लिखकर अवमानना का मुकदमा चलाने की सहमति देने की मांग की थी।
कुणाल कामरा ने अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद ट्वीट किए थे। आदेश देने वाले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था। कुणाल कामरा के 4 ट्वीट के खिलाफ पत्र लिखे गए थे। पत्र में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब गोस्वामी को मेरिट के आधार पर जमानत दी लेकिन कामरा ने सुनवाई के दौरान और फैसला सुनाने के बाद ट्वीट किए जो न्यायपालिका की गरिमा को गिराने वाले हैं। पत्र में कहा गया था कि कुणाल कामरा के ट्वीटर पर 17 लाख फॉलोवर्स हैं। अगर इस तरह के ट्वीट्स और बयानों पर रोक नहीं लगाई गई तो सोशल मीडिया पर लोग जजों के बारे में अनाप-शनाप लिखना शुरू कर देंगे।
रचित तनेजा ने अपने ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व पर ही सवाल उठाया था। रचित तनेजा के खिलाफ लॉ स्टूडेंट आदित्य कश्यप ने अटार्नी जनरल को पत्र लिखकर कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की अनुमति मांगी थी। अटार्नी जनरल ने आदित्य कश्यप को रचित के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की अनुमति दे दी थी।