छग व‍िधानसभा : कृष‍ि उपज मंडी संशोधन व‍िधेयक पार‍ित, व‍िपक्ष ने कहा क‍िसानों पर बढ़ेगा बोझ

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व‍िधानसभा की कार्यवाही अन‍िश्‍च‍ितकाल के ल‍िए स्‍थग‍ित



रायपुर, 28 द‍िसंबर (ह‍ि.स.)। छत्‍तीसगढ़ व‍िधानसभा में सोमवार को छत्‍तीसगढ़ कृष‍ि उपज मंडी व‍िधेयक पार‍ित हो गया। व‍िधेयक पार‍ित होने के पहले सदन में चर्चा के दौरान कृष‍ि मंत्री रव‍िंद्र चौबे ने कहा क‍ि इस संशोधन ने कृषक कल्‍याण शुल्‍क लगाया गया है। देश के कई राज्‍यों में शुल्‍क लगा हुआ है। उत्‍तर प्रदेश, ह‍र‍ियाणा, राजस्‍थान व पंजाब में यह शुल्‍क लगा हुआ है। छत्‍तीसगढ़ में मंडी अधोसंरचना के व‍िकास व क‍िसानों उपज के ल‍िए 164 गोदाम बनाने जा रहे हैं। इस राश‍ि से मंड‍ियों का व‍िकास करने, व‍िश्राम गृह बनाने जैसे क‍िसान ह‍ित में काम होंगे।
भाजपा व‍िधायक अजय चंद्राकर ने कहा क‍ि कृष‍ि व कृषक की सुव‍िधा से जुड़े मामलों में सहम‍त‍ि है, इसमें कोई दाे राय नहीं है। ब‍िंदु 11 में ल‍िखा है क‍ि कांग्रेस कृष‍ि अध‍िन‍ियम में संशोधन करेगी, ज‍िससे प्रत‍िबंध समाप्‍त हो जाएंगे। प्रदेश में 69 कृषि‍ उपज मंडी है, 118 उपमंडी है। पूरे प्रदेश में ज‍िंदा मंडी स‍िर्फ 24 हैं, ज‍िसमें 2 ही मंडी पूरी तरह से ज‍िंदा हैं। कोरोना के ल‍िए अंग्रेजी शराब में 10 प्रत‍िशत देशी शराब 10 सेस लगा, गोठान के ल‍िए भी 5 रुपये सेस लगा। लेक‍िन इनमें से एक रुपये भी कोरोना के ल‍िए खर्च नहीं क‍िया गया। उन्‍होंने कहा क‍ि कृष‍ि उपज मंडी में भी प्रस्‍ताव‍ित संशोधन के ज‍र‍िए एक तरह का सेस लगाया जा रहा है। मंडी में जब केंद्रीय एक्‍ट पार‍ित हो गया है तो संशय है राज्‍य में यह प्रावधान लागू हो पाएगा। हम न्‍याय योजना में अगली बार स्‍थगन लगाने वाले हैं। उन्‍होंने कहा क‍ि क‍िसानों को जब प्रधानमंत्री, केंद्र‍ीय कृष‍ि मंत्री चर्चा के ल‍िए तैयार हैं तो चर्चा करनी चाह‍िए। क‍िसानों पर यह बोझ सरकार के द‍िवाल‍ियापन के ल‍िए लाए जा रहे हैं। इंस्‍पेक्‍टर राज कायम होगा। दल व‍िशेष के ल‍िए यह खर्च क‍िया जाएगा।
भाजपा व‍िधायक सौरभ स‍िंह ने कहा क‍ि मंडी शुल्‍क का पैसा क‍िसानों के जेब से जाएगा। यह क‍िसान और उपभोक्‍ताओं पर अध‍िक भार आएगा। ऐसी व्‍यवस्‍था जो लागू नहीं क‍िया गया है, तो ऐसा नहीं क‍िया जाना चाह‍िए। भाजपा व‍िधायक श‍िव रतन शर्मा ने कहा क‍ि इस शुल्‍क का सीधा नुकसान क‍िसानों को होगा। क्रेता से व‍िक्रेता जब उपज खरीदेगा तो मंडी शुल्‍क का भार क‍िसानों पर ही पड़़ेगा। प्रदेश में बारह मासी मंड‍ियां सि‍र्फ 11-12 ही हैं। मंडी बोर्ड शुल्‍क से मंड‍ियों के व‍िकास के ल‍िए क‍ितनी राश‍ि स्‍वीकृत की गई, मंडी बोर्ड का उपयोग स‍िर्फ कर्ज लेने के ल‍िए क‍िया जाएगा। वहीं कृष‍िमंत्री रव‍िंद्र चौबे ने कहा क‍ि क‍िसानों का उपज खरीदने में बाध्‍यताएं दूर कर सहयोग करना चाह‍िए। केंद्र सरकार भी हमारी है, हम भी अनुरोध कर सकते हैं। उसके बाद सदन में बहुमत के साथ कृष‍ि उपज मंडी संशोधन व‍िधेयक पार‍ित हो गया।

 


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