कृषि कानून के समर्थन में मेरठ-मुजफ्फरनगर से गाजियाबाद पहुंचे हजारों किसान

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गाजियाबाद, 20 दिसम्बर (हि.स.)। खेती कानूनों के विरोध में जहां पिछले 25 दिनों के किसान यूपी गेट पर जमे हुए हैं वहीं आज हजारों की संख्या में किसान कानूनों का समर्थन करते हुए इंदिरापुरम पहुंच गए और रामलीला मैदान में डेरा डाल दिया है। कानून समर्थक व विरोधियों के बीच कोई टकराव न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने रामलीला मैदान में प्रबंध कर दिए हैं। कानून के समर्थन में आ रहे किसानों व पुलिस के बीच रूट डायवर्जन को लेकर तकरार भी हो गई हालांकि समय रहते मामले को हल कर लिया गया। दूसरी ओर कानूनों का विरोध करते हुए आंदोलन में शहीद हुए किसानों को रविवार को यूपी गेट पर जमें किसानों ने श्रद्वांजलि अर्पित की।
आज सुबह से ही कृषि कानूनों के समर्थन में मेरठ व मुजफ्फरनगर से ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर हजारों की संख्या में मोदीनगर मुरादनगर होते हुए गाजियाबाद पहुंचे। जैसे ही इसकी जानकारी जिला प्रशासन के अधिकारियों को मिली तो खुद जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय मौके पर पहुंचे। किसानों का दावा था कि वे लोग इन कानूनों के पक्ष में दिल्ली में प्रदर्शन करने जा रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच कोई टकराव न हो, इसके लिए जिलाधिकारी ने इंदिरापुरम में इन किसानों के रूकने के प्रबंध कराए। उधर यूपी गेट पर आंदोलन के दौरान मौत के शिकार हुए किसानों को शहीद का दर्जा देते हुए आंदोलनरत किसानों ने श्रद्वाांजलि सभा की।
इस दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी यूपी गेट पर पहुंचे और अपना पूर्ण समर्थन आंदोलनरत किसानों को देने की घोषणा की। इस दौरान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने चेतावनी दी कि प्रशासन आंदोलन में शामिल होने के लिए आ रहे किसानों को रोके नहीं वरना अंजाम अच्छे नहीं होंगे। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार इंद्रजीत सिंह टीटू ने कहा कि पहले नारा था कि जय जवान जय किसान लेकिन इस संवेदनहीन सरकार ने नया नारा कर दिया है कि ‘मरो किसान-मरो जवान’। सरकार को इस मामले को हल करने के लिए प्रयास करने चाहिए न कि किसानों को आपसे मे लड़ाने के। उन्होंने कहा कि सरकार ओछी हरकत पर उतर आई है।

 


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