कोविड-19 वैक्सीन निर्माण में अमेरिका-यूरोप में दरार
वाशिंगटन 5 मई (हिस): कोविड-19 वैक्सीन की तैयारी और इसके विकास को लेकर अमेरिका और यूरोप में दरार पैदा हो गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को वैक्सीन की तैयारी में इस साल के अंत तक वैक्सीन आने पर विश्वास व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने यूरोपीय समुदाय के संयुक्त प्रयासों में हिस्सेदारी बँटाने में कोई संकेत नहीं दिया। रूस भी इस वैक्सीन निर्माण में यूरोपीय समुदाय के साथ नहीं है। यूरोपीय समुदाय ने वैक्सीन निर्माण, खोज और उत्पादन में आठ अरब डालर व्यय किए जाने फ़ैसला किया है। इसमें से 4.4 अरब डालर वैक्सीन के विकास में ख़र्च किया जाएगा तो दो अरब डालर इसकी खोज और उपचार में तथा 1.6 अरब डालर वैक्सीन के उत्पादन में ख़र्च किया जाएगा।
अमेरिका में कोविड-19 से एक महीने में पिछले 24 घंटों में पहली बार सब से कम 1015 मृत्यु हुई है। इस घातक संक्रमण से दुनिया भर में ढाई लाख लोग मारे जा चुके हैं। वैक्सीन के निर्माण में 115 देश लगे हुए हैं, जिनमें 14-15 देश और फ़ार्मा कंपनियाँ जुटी हुई हैं। इनमें अमेरिकी की जानसन एंड जानसन तथा माडरेना मानव परीक्षण कर चुकी हैं, जबकि यूरोप में भी मानव परीक्षण हुए हैं।
यूरोपीय कमीशन के प्रेज़िडेंट उर्सला वान डेर लेएन ने सोमवार को 40 देशों और परोपकारी लोगों के सहयोग के साथ आठ अरब डालर की मदद से संयुक्त प्रयास किए जाने की घोषणा की। इस संदर्भ में एक आन लाइन शिखर सम्मेलन पर बातचीत हुई। उर्सला ने कहा वैक्सीन निर्माण में यह एक महत्वपूर्ण क़दम होगा। इस सहयोग में एक पोप सिंगर माडोना ने 11 लाख डालर दान में दिए हैं। यूरोपीय कमीशन और नार्वे ने एक-एक अरब, फ़्रांस ने 50 करोड़ यूरो, तथा जर्मनी और सऊदी अरब ने अस्सी-अस्सी करोड़ डालर देने का संकल्प किया। इस अवसर पर ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जानसन ने वैक्सीन के कार्य में जितनी ज्यादा भागीदारी होगी, वैज्ञानिक ज़ोर-शोर से वैक्सीन के निर्माण में लग सकेंगे। ब्रिटेन ने 40 करोड़ डालर देने का संकल्प किया है।