विदेशों से लगातार मिल रही सहायता सामग्री का वितरण करने और भारतीय मिशनों से संपर्क करने के लिए विदेश मंत्रालय का कोविड सेल 24 घंटे काम कर रहा है। सहायता सामग्री के शीघ्र वितरण को सुचारू करने के लिए एक तंत्र (एसओपी) स्थापित किया गया है। अबतक 3,000 टन से अधिक 11,000 वस्तुओं को देशभर में बांटने के लिए भारतीय वायु सेना के विमानों और भारतीय नौसेना के जहाजों को लगाया गया है, जो परिवहन सामग्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पूरी प्रक्रिया को समन्वित करने के लिए एक समूह बनाया गया है। इसमें विदेश मंत्रालय के दो वरिष्ठ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय के दो संयुक्त सचिव, सीमा शुल्क के मुख्य आयुक्त, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के एक तकनीकी सलाहकार, भारतीय रेडक्रॉस के महासचिव शामिल हैं।
नई दिल्ली, 10 मई (हि.स.)। कोविड संकट के समय विदेशों से मिल रही मदद को देशभर में बांटने के लिए भी वायुसेना और नौसेना को लगाया गया है। अंतरराष्ट्रीय सहायता के तौर पर मिली चिकित्सा सामग्री देशभर के एम्स, दिल्ली के सफदरजंग, लेडी हार्डिंग अस्पताल और आईटीबीपी, डीआरडीओ के कोविड केयर सेंटरों को दी गई है। अबतक देश के अस्पतालों को 4468 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स, 13 ऑक्सीजन संयंत्र, 3417 ऑक्सीजन सिलेंडर, 3921 वेंटिलेटर और 3 लाख रेमेडिसविर इंजेक्शन वितरित किए गए हैं।
विदेशी सहायता के रूप में पहली उड़ान यूके से 27 अप्रैल को आई थी। ब्रिटेन से आये लगभग 80 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स डीआरडीओ के पटना स्थित अस्पताल, 100-100 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स दिल्ली और अहमदाबाद में डीआरडीओ के कोविड केयर सेंटरों को भेजे गए हैं। इसके अलावा 120 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और 50-50 वेंटिलेटर दिल्ली के लिए राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) और सफदरजंग को दिए गए हैं। गोवा, बिहार, यूपी, झारखंड जैसे राज्यों को भी ब्रिटेन से आये ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स भेजे गए हैं। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया से मिले 43 आक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स पश्चिम बंगाल में पहुंचाए गए हैं जबकि 1,566 वेंटिलेटर ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम और बिहार में वितरित किए गए हैं। बहरीन से आए दो तरल ऑक्सीजन कंटेनर डीआरडीओ को दिए गए हैं।
फ्रांस ने सहायता के रूप में भारत को 200 सिरिंज पंप, 500 मशीन फिल्टर, 500 एंटी-बैक्टीरियल फिल्टर, 28 वेंटिलेटर भेजे थे।यह सभी सामग्री दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को दी गई है। जर्मनी ने 120 वेंटिलेटर भेजे जिनमें से 40 दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल, 45 दिल्ली में आरएमएल और 35 एम्स, झज्जर भेजे गए हैं। आयरलैंड से मिली सहायता सामग्री पटना, रायबरेली, चंडीगढ़, ऋषिकेश, जोधपुर, भोपाल, दिल्ली, झज्जर और कई पूर्वोत्तर राज्यों के एम्स में दी गई है। इटली से आया एक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र और 20 वेंटिलेटर आईटीबीपी के ग्रेटर नोएडा अस्पताल को दिए गए हैं। 48 घंटों के भीतर स्थापित किये गए इस अस्पताल का उद्घाटन भारत में इटली के राजदूत विन्सेन्ज़ो डी लुका ने किया था। इस केंद्र में भर्ती किए गए कोविड रोगियों को यह उत्पादन संयंत्र एक समय में 100 से अधिक बेडों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगा।
रोमानिया से मिले 80 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स में से 40-40 झज्जर के एम्स और लेडी हार्डिंग को दिए गए। 75 ऑक्सीजन सिलेंडरों में से 40 सफदरजंग और 35 लेडी हार्डिंग में गए। इसके अलावा लेडी हार्डिंग को रूस से मिले 150 बेड साइड मॉनिटर, 75 वेंटिलेटर और 20 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स दिए गए हैं। मॉरीशस से भेजे गए लगभग 200 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स में से 20 मंगकागिरी, 60 नागपुर, 50 रायपुर और 70 पुदुचेरी में एम्स अस्पतालों को दिए गए हैं। न्यूजीलैंड से आये 72 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स दिल्ली कैंट स्थित आर्मी बेस अस्पताल में भेजे गए हैं। अमेरिका से मिले रेमेडिसवीर इंजेक्शन असम, गोवा, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पीजीआई चंडीगढ़, एम्स कल्याणी और भोपाल के एम्स को भेजे गए। रैपिड डिटेक्शन किट दिल्ली और पंजाब तक पहुंचाई गईं हैं। एक ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र ईएसआईसी, फरीदाबाद को और ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स पंजाब, केरल, महाराष्ट्र में भेजे गए।
सिंगापुर से भेजे गए लगभग 256 ऑक्सीजन सिलेंडर में से 64-64 एम्स रांची, रायपुर, पटना, लेडी हार्डिंग को वितरित किए गए। थाईलैंड ने 30 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स भेजे थे, जिनमें से 15 सफदरजंग, दिल्ली और 15 सीजीएचएस, दिल्ली को बांटे गए हैं। ताइवान से सहायता में मिले 150 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स में से 15 मिजोरम, 50 पंजाब, 35 हरियाणा, 50 दिल्ली के राष्ट्रीय क्षय रोग और श्वसन रोग संस्थान को भेजे गए। इसके अलावा 500 ऑक्सीजन सिलेंडर में से 15 मिज़ोरम, 185 हिमाचल प्रदेश और 300 उत्तराखंड भेजे गए हैं। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आये 1,707,600 मास्क कल्याणी, मंगकागिरी, रायबरेली, जोधपुर, पटना, देवगढ़, ऋषिकेश और दिल्ली के एम्स को वितरित किए गए।
पश्चिम एशियाई देशों ने 72 हजार काले चश्मे भी भेजे, जिनमें से सफदरजंग, जोधपुर और लेडी हार्डिंग को 11-11 हजार, आरएमएल और एम्स ऋषिकेश को 10-10 हजार और झज्जर एम्स को 20 हजार चश्मे मिले हैं। बांग्लादेश से आई रेमेडिसविर की लगभग 10 हजार खुराक पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान और उत्तर पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा संस्थान को दी जाएगी। बेल्जियम ने भी रेमेडिसविर की 9,000 शीशियां भी भेजी थीं, जिन्हें महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, यूपी, राजस्थान के राज्यों में पहुंचाया गया है। रूस द्वारा भेजे गए फेविपिरविर की 20 हजार खुराक दिल्ली के लेडी हार्डिंग, सफदरजंग, आरएमएल और जोधपुर, ऋषिकेश, राय बरेली, दिल्ली, झज्जर के एम्स को भेजी गई है। रविवार की रात इजराइल से 1300 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 400 वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सा उपकरण उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पर पहुंचे।