कोरोना से मौत के आंकड़ों में भी बंगाल सरकार और नगर निगम की बाजीगीरी

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कोलकाता, 10 अप्रैल (हि.स.)। कोविड-19 महामारी से मरने वालों की संख्या के बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दावे और कोलकाता नगर निगम के आंकड़े में जमीन आसमान का अंतर दिख रहा है। शुक्रवार को नगर निगम का एक दस्तावेज सामने आया है जिसमें उन लोगों की लिस्ट बनाई गई है जो कोरोना महामारी की वजह से मरे थे और उन्हें कोलकाता नगर निगम के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया था।
नगर निगम की सूची के मुताबिक कोलकाता में 10 ऐसे लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है जो कोविड-19 महामारी से मारे गए। हालांकि ममता बनर्जी दावा करती रही हैं कि बंगाल में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या अभी तक केवल 5 है। राज्य सरकार के ही 2 विभागों के परस्पर विरोधी दावे ने विपक्ष के इस आरोप को बल दिया है जिसमें ममता बनर्जी पर कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लग रहा है।
कोलकाता नगर निगम का जो दस्तावेज सामने आया है उसमें बताया गया है कि एनआरएस मेडिकल कॉलेज, आरजीकर मेडिकल कॉलेज, एमआर बांगुर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, आमरी हॉस्पिटल, पीयरलेस अस्पताल और जेनिथ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से 10 लोगों को कोरोना संक्रमण से मौत के बाद कोलकाता के नीम तला श्मशान घाट, धापा और बागमारी श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया है। 23 मार्च से 6 अप्रैल के बीच इन सभी के अंतिम संस्कार किए गए हैं। ये लोग दमदम, उल्टाडांगा, शिवपुर, न्यू गरिया, बेलघरिया, महेश्तला, बैद्यवाटी, ठाकुरपुकुर और काशीपुर के रहने वाले थे।
इस बारे में कोलकाता नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सौमित्र घोष से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। हालांकि इस बारे में जब प्रतिक्रिया के लिए उपमेयर अतिन घोष से संपर्क किया गया तो उन्होंने भी इस पर बहुत कुछ स्पष्ट नहीं किया। उपमेयर ने कहा कि मुख्यमंत्री जो कह रही हैं वही सही है। और नगर निगम की सूची के बारे में उन्होंने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 9 सदस्यों की एक डाटा एनालिसिस टीम बनाई है जो राज्य में कोरोना से मरने वालों के आंकड़े का विश्लेषण करेगी। मुख्यमंत्री ने कह दिया है कि कोई भी करोना पीड़ित अस्पताल में मरता है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह कोरोना से मरा। हो सकता है कि किसी और बीमारी की वजह से उसकी जान गई हो इसीलिए चिकित्सकों की टीम पहले विश्लेषण करेगी और अंतिम निर्णय लेगी कि उक्त व्यक्ति किस बीमारी से मरा है।

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