कोरोनावायरस:चीन में नियंत्रण तो इटली में क़हर बरपा
लॉस एंजेल्स,13 मार्च (हि.स.)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दावा किया है कि कोविड -19 से चीन में स्थिति पर लगभग नियंत्रण है, जहां मुट्ठीभर नए संक्रमित मामले सामने आ रहे हैं। चीन में साठ हज़ार संक्रमित लोग स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। इसके विपरीत यूरोप, अमेरिका और खाड़ी में ईरान में स्थिति विकट होती जा रही है। गुरुवार शाम तक दुनिया भर के 118 देशों में एक लाख 25 हज़ार लोग संक्रमित हैं।
चीन से बाहर इटली एकमात्र ऐसा देश है, जहां कोरोनावायरस से मरने और संक्रमित होने वाले मामलों में गुणात्मक वृद्धि हुई है। शुरू में कोरोनावायरस के मामले देश के उत्तरी क्षेत्र लंबारडी में सामने आए थे, अब कोरोनावायरस में गुणात्मक वृद्धि से इसका क़हर सारे देश में फैल चुका है। इस से मरने वालों की संख्या एक हज़ार से ऊपर हो चुकी है, जबकि संक्रमित लोगों की संख्या 15 हज़ार हो चुकी है। इटली सरकार ने बुद्धवार की सायं सारे देश में कमर्शियल गतिविधियों की नाकेबंदी कर दी है। इटली में मंगलवार को साठ हज़ार लोगों की टेस्टिंग कराई गई थी।
अमेरिका में कोरोनावायरस से निपटने के लिए ट्रम्प प्रशासन ने ब्रिटेन को छोड़कर सभी 28 यूरोपीय देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर रोक लगाई थी, लेकिन इस आदेश को लेकर भ्रम खड़ा हो गया है। अमेरिका में कोरोनावायरस से 41 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि यहां प्रतिदिन संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। अमेरिका के विभिन्न राज्यों में कोरोनावायरस से निपटने के लिए बचाव के व्यापक क़दम उठाए जा रहे हैं। देश के अनेक हिस्सों में आज से स्कूलों की छुट्टियां भी कर दी गयी हैं। बाज़ारों में चहलक़दमी ख़त्म हो चुकी है और रेस्तरां में पहले से एक चौथाई ग्राहक रह गए हैं।
दक्षिण कोरिया में अमेरिका और यूरोप की तुलना में कोरोनावायरस की स्थिति धीमी है। पांच करोड़ की जनसंख्या में लोगों के आवागमन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। वहां सात हज़ार आठ सौ लोग संक्रमित हैं, जबकि 66 लोगों की मृत्यु हुई है। वहां प्रतिदिन दस हज़ार लोगों के हिसाब से दो लाख 35 हज़ार लोगों की टेस्टिंग हुई थी।
ईरान में दस हज़ार लोग संक्रमित हैं, जबकि 400 लोग कोरोना वायरस से मार चुके हैं। कोरोनावायरस कोम क्षेत्र से शुरू हुआ था, जहां दुनिया भर से लाखों लोग ज़ियारत करने पहुंचे थे। ईरान शुरू में कोरोनावायरस की रोथाम के बंदोबस्त करने में विफल रहा। इसका मूल कारण ईरान में टेस्टिंग किट का अभाव रहा।