नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स.)। श्रीलंकाई वायुसेना के 70वें स्थापना दिवस पर बुधवार को शाम 5 बजे भव्य समारोह के साथ एयर शो शुरू हो गया है। इस समारोह में भाग लेने के लिए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी दो दिवसीय यात्रा पर कोलंबो पहुंचे हैं। एयर शो में भारतीय वायुसेना की एरोबैटिक टीम `सूर्यकिरण’ और रोटरी-विंग ’सारंग’ ने आसमानी करतब दिखाए। एलसीए तेजस ने भी कोलंबो में ऊंची उड़ान भरकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारतीय वायुसेना के विमानों ने आज एयर शो में भाग लेकर कोलंबो के आसमान में दोनों वायु सेनाओं के पारंपरिक मजबूत संबंधों का एक और महत्वपूर्ण अध्याय लिख दिया है।
श्रीलंकाई वायुसेना के एयर मार्शल सुदर्शन पथिराना ने 70वें स्थापना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में एयर शो में भाग लेने के लिए भारतीय वायुसेना को विशेष तौर पर आमंत्रित किया था। इसलिए स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस के साथ सूर्यकिरण और रोटरी विंग सारंग की एयरोबैटिक डिस्प्ले टीमें 27 फरवरी को ही कोलंबो पहुंच गईं थीं। एक हफ्ते की तैयारी के बाद आज शाम को शुरू हुए एयर शो में सूर्यकिरण और सारंग की टीमों ने कोलम्बो के आसमान में एयरोबैटिक डिस्प्ले किया। एलसीए तेजस ने गेल फेस, कोलंबो में ऊंची उड़ान भरकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। यह एयर शो 03-05 मार्च को रोजाना शाम 5 बजे से होगा, जिसका सीधा प्रसारण किया जायेगा। एयर शो में श्रीलंका के विमान भी हिस्सा ले रहे हैं।
दो दिवसीय यात्रा के दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया विभिन्न गण्यमान्य व्यक्तियों और श्रीलंका के सशस्त्र बलों की सेवाओं के प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे। भारतीय वायुसेना और श्रीलंका एयरफ़ोर्स ने पिछले वर्षों में लगातार एक-दूसरे को सहयोग देकर सुझाव भी आदान-प्रदान किए हैं। इसके अलावा नियमित रूप से जमीन और उड़ान प्रशिक्षण, पेशेवर सैन्य शिक्षा, राहत एवं बचाव कार्य और परिचालन के क्षेत्र में मूल्यवान अनुभव साझा करने के लिए बातचीत करते हैं। हाल के वर्षों में दोनों वायु सेनाओं ने यात्राओं के माध्यम से एक-दूसरे के प्रति सहयोग और भागीदारी बढ़ाई है।
एयर शो के उद्घाटन पर एयर चीफ मार्शल भदौरिया की उपस्थिति दोनों देशों के संबंधों की ताकत को मजबूत करती है। यह यात्रा मौजूदा सहयोग प्रक्रिया को और मजबूत करेगी और आपसी हित के नए रास्ते खोलेगी। भारत और श्रीलंका की वायु सेनाएं कई वर्षों से प्रशिक्षण, परिचालन आदान-प्रदान और पेशेवर सैन्य शिक्षा पाठ्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं। एसएलएएफ के 70वें वर्षगांठ समारोह में आईएएफ की भागीदारी मजबूत पेशेवर बांडों की एक और अभिव्यक्ति है, जो दो वायु सेनाओं का हिस्सा है। भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम ने इससे पहले श्रीलंका एयरफोर्स की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में हिस्सा लेने के लिए 2001 में श्रीलंका का दौरा किया था।