कोलकाता, 24 जून (हि.स.)। कुछ दिनों पहले ही एक फोटो वायरल हुआ था जिसमें कोलकाता पुलिस ने इंग्लिश और उर्दू में एक बैनर लगाया था। यह फोटो उस समय वायरल हुआ था जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में रहने वालों को बांग्ला सीखने का फरमान सुनाया था। तब लोगों ने इस बैनर के जरिए उनकी आलोचना करते हुए लिखा था कि बंगाल में उर्दू पढ़ने वालों पर कोई दबाव नहीं लेकिन दूसरे भाषा वालों को ममता राज्य से भगाने के लिए इस तरह की रणनीति अपना रही हैं।
आलोचना करने वालों ने कोलकाता पुलिस के उस बैनर को बड़े पैमाने पर सोशल साइट पर साझा किया था। अब पता चला है कि कोलकाता पुलिस पूरे महानगर में केवल उर्दू में बैनर और पोस्टर लगाएगी। अंग्रेजी और बांग्ला में भी पोस्टर तो रहेंगे लेकिन अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में केवल उर्दू में बैनर पोस्टर लगेंगे। इस पोस्टर में ट्रैफिक कानून, हेलमेट का इस्तेमाल, सड़क सुरक्षा, यातायात संबंधी शिकायत, पुलिस की ओर से मिलने वाली तमाम तरह की सुविधाएं आदि के बारे में लिखा रहेगा।
लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि पोर्ट प्रशासनिक विभाग मुख्य तौर पर अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है। इसके अलावा एमजी रोड, राजा बाजार, चांदनी चौक, मौलाली, मल्लिक बाजार, पार्क सर्कस जैसे अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में केवल उर्दू में बैनर और पोस्टर लगाए जाएंगे। प्राथमिक तौर पर इसके लिए प्रचार-प्रसार की भी शुरुआत हो गई है। एक बैनर जारी किया गया है जिसमें देखा जा सकता है कि हेलमेट इस्तेमाल के संबंध में कोलकाता पुलिस ने उर्दू में एक बैनर जारी किया है। इसके जारी होने के साथ ही सोशल साइट पर ममता सरकार पर एक बार फिर तुष्टीकरण के आरोप लगने लगे हैं और लोगों ने आलोचना शुरू कर दी है।