लॉकडाउन : सुनसान हैं कोलकाता की सड़कें, गलियों में भी सन्नाटा
कोलकाता, 24 मार्च (हि.स.)। सोमवार शाम 5:00 बजे से पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन की शुरूआत होने के बाद मंगलवार की सुबह राजधानी कोलकाता समेत राज्य भर की सड़कें सूनी पड़ी हैं। प्रशासन की सख्ती की वजह से कहीं भी गाड़ियों की आवाजाही नहीं हो रही। यहां तक की छोटी-छोटी गलियां भी सुनी पड़ी हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी लगाई है इसलिए सोमवार रात से ही पुलिस विभिन्न क्षेत्रों में घूम घूम कर भीड़-भाड़ एकत्रित होने वाले क्षेत्रों में धरपकड़ और लाठीचार्ज वगैरह कर रही है। इसलिए लोग अपने-अपने घरों में ही सिमटे हुए हैं। जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने 103 घंटे के लॉकडाउन की घोषणा की है। 27 मार्च रात 12:00 बजे तक यह पाबंदी लागू रहेगी।
कोलकाता का धर्मतल्ला क्षेत्र जो राजधानी का दिल माना जाता है और यहां हमेशा ही हजारों लोगों की भीड़ रहती थी, मंगलवार सुबह पूरी तरह से सुना पड़ा हुआ है। सड़कों पर ना तो गाड़ियां हैं और ना हीं बहुत अधिक संख्या में पैदल यात्री। इक्के-दुक्के लोग घरों से निकले हैं। वह भी अति जरूरी सामान खरीदने के लिए। जगह-जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती और बैरिकेडिंग की गई है। अति जरूरी कुछ गाड़ियां चल रही हैं जिसमें गैस के सिलेंडर अथवा पेट्रोल वगैरा ले जाने वाली गाड़ियां शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले ही कह दिया था कि अगर बहुत अधिक जरूरी ना हो तो लोग घर से ना निकले लेकिन फिर भी सोमवार शाम लोग लॉक डाउन को धत्ता बताकर सड़कों पर निकले थे। इसके बाद पुलिस ने 255 लोगों की गिरफ्तारियां की थी। इक्के दुक्के लोग बाजारों और सड़कों पर नजर आ रहे हैं।
उनसे जब पूछा गया कि सरकार ने सामुदायिक दूरी बनाकर रखने की हिदायत दी है तब इन लोगों ने बताया कि सोमवार को बाजार में इतनी अधिक भीड़ थी कि कुछ भी नहीं खरीद पाए थे। आवश्यक चीजों की खरीदारी जरूरी है। इसलिए सड़कों पर निकले हैं। इसके बाद फिर बाहर नहीं निकलेंगे। मूल रूप से कोलकाता के टाला पार्क, खिदिरपुर, पार्क सर्कस, राजा बाजार, ईएम बाईपास आदि क्षेत्रों में पुलिस गश्त लगा रही है। कोलकाता पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा ने सभी थानों को निर्देश जारी किया है कि यदि लॉकडाउन की अनदेखी कर लोग सड़कों पर उतरते हैं तो उनकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए। ऐसे लोगों को एक से 6 महीने तक जेल में रखा जा सकता है।