कोलकाता, 12 मार्च (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बुधवार को नामांकन के बाद हुए कथित हमले की सीबीआई जांच कराने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर दी गई है। प्रधान न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है। याचिका पर अब अगले शुक्रवार को सुनवाई होगी।
शुक्रवार को एक समाजसेवी ने सुरजीत साहा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। याचिका में उन्होंन दावा किया है कि त्रिस्तरीय सुरक्षा के बावजूद मुख्यमंत्री को चोट आई है, यह घोर लापरवाही का मामला है, इसलिए इसकी सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने अपने आवेदन में यह भी दावा किया है कि 72 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है। यह स्थिति चिंताजनक है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को ममता बनर्जी ने दावा किया कि चार पांच लोगों ने जानबूझकर उन्हें धक्का दिया और जान से मारने की कोशिश की। उन्होंने पुलिस अधीक्षक पर भी आरोप लगाया कि घटना पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं। उन्हें किसी ने धक्का नहीं दिया बल्कि चलती गाड़ी में खुले दरवाजे से वह लोगों को नमस्कार कर रही थीं और उसी दौरान उनकी कार का दरवाजा सड़क किनारे लैंप पोस्ट से टकरा गया, जिसमें उनका पैर चंप गया।
बाद में विवाद बढ़ता देख गुरुवार को ममता ने अस्पताल से एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने किसी भी तरह की साजिश का जिक्र नहीं किया और स्वीकार किया था कि वह खुले दरवाजे के बोनट पर पैर रखकर लोगों को नमस्कार कर रही थी, तभी दरवाजे में उनका पैर चंप गया। घटना के बाद से ही विपक्षी पार्टियां ममता बनर्जी पर नाटक करने का आरोप लगा रही थीं ताकि चुनाव के समय सहानुभूति बटोरी जा सके। अब अगर हाई कोर्ट सीबीआई जांच का आदेश देता है तो इससे ममता सरकार की फजीहत हो सकती है।