रांची, 21 अक्टूबर (हि.स.)। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण में करोड़ों के घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को आरोपित बनाए जाने के मामले में सोमवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस एबी सिंह की अदालत ने निचली अदालत में चल रहे मामले को निरस्त करने की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा है। इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में अगली सुनावाई अब 16 नवंबर को होगी।
पिछली सुनवाई में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने निचली अदालत से केस की स्टेट्स रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले में सीबीआई ने आईवीआरसीएल कंपनी, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
जांच के बाद सीबीआई ने निचली अदालत में अंतिम रिपोर्ट भी दाखिल की है। इसमें कहा गया कि आरोप के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। इसके बाद भी सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में संज्ञान ले लिया। इसके खिलाफ मधु कोड़ा की ओर से याचिका दाखिल की गई, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद मधु कोड़ा ने इस आदेश को झारखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में हुए 11.40 करोड़ के घोटाले में मधु कोड़ा और उनके सहयोगी विनोद सिन्हा को आरोपित बनाया गया है। आरोप है कि हैदराबाद की आईवीआरसीएल कंपनी को टेंडर देने के लिए नियमों की अनदेखी की गई। साथ ही कंपनी ने मधु कोड़ा और उनके सहयोगियों को 11.40 करोड़ रुपये दिए थे।
हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने शुरू की थी मामले की जांच
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत पलामू, लातेहार और गढ़वा जिलों में विद्युतीकरण होना था, लेकिन झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड ने हैदराबाद की कंपनी आईवीआरसीएल को गलत ढंग से इस काम का ठेका दिया। आरोप है कि इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को 11.40 करोड़ रुपए घूस दिये गये थे। इस घोटाले को लेकर सबसे पहले निगरानी ब्यूरो ने 30 अगस्त 2010 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें मधु कोड़ा, विनोद सिन्हा समेत 29 लोगों को आरोपी बनाया गया था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर केस की सीबीआई जांच शुरू हुई। मधु कोड़ा इस मामले में ढाई साल जेल में बिता चुके हैं. उन्हें 30 जुलाई, 2013 को जमानत मिली थी।