गिलीड की ‘रेमदेसिविर’ दवा के सार्थक परिणाम
लॉस एंजेल्स 30 अप्रैल (हिस): ‘रेमदेसिविर’ दवा कोरोना मरीज़ों पर रामबाण’ सिद्ध हो रही है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ की एक बड़ी स्टडी के बाद सी ड़ी एस ने इस दवा के इस्तेमाल किए जाने के बाद हरी झंडी दे दी है। अमेरिकी मेडिकल जनरल ‘लाँसेंट’ ने बुद्धवार को प्रकाशित स्टडी में दावा किया गया है कि इस एंटी वायरल दवा के पाँच दिन और दस दिन के रिजीम में बड़े रोचक परिणाम सामने आए हैं।
लाँसेंट में प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि 397 कोरोना संक्रमित मरीज़ों पर इस दवा का परीक्षण किया गया। इनमें से 62 प्रतिशत मरीज़ अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सका। इसी दवा का 49 % मरीज़ों के संक्रमण के लिए उपचार किया गया। गिलीड ने दावा किया कि इस दवा का एक दर्जन मेडिकल सेंटर में भी परीक्षण किया गया। यह दवा चीन में कोरोना संक्रमित मरीज़ों को दी गई थी। इसकी चीन में भी स्टडी की गई थी, लेकिन गिलीड ने दावा किया है कि स्टडी को अधूरा छोड़ दिया गया था।
रेमदेसिविर दवा का ‘इबोला’ के उपचार में भी उपयोग किया गया था। तब यह दवा विफल रही थी। इसी दवा का उपयोग कोविड-१९ के मरीज़ों पर इस्तेमाल किया जा रहा है। ‘गिलीड’ के चीफ़ मेडिकल आफ़िसर ने दावा किया है कि इस दवा में संक्रमण के मैकेनिज़्म को विफल करने की क्षमता है, जो अपने मूल रूप में रहते हुए अपने अनेक स्वरूप की रचना कर लेता है। यह वही दवा है, जब इसका उपयोग 1986 में पहली बार एच आई वी के लिए इस्तेमाल किया गया था। गिलीड ने 15 लाख डोज़ निशुल्क देने की स्वीकृति दी है, जो 1,40,000 संक्रमित मरीज़ों के लिए काफ़ी है।
एंथनी फोचि का दावा: महामारीविद डाक्टर एंथनी फोचि ने दावा किया कि गिलीड की इस ‘रेमदेसिविर’ दवा के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने बुद्धवार को मीडिया में कहा कि इस दवा के सेवन से कोरोना मरीज़ों पर तत्काल असर हो रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा है कि एफ डी ए इस दवा के लिए जल्द अपनी स्वीकृति देगा और अधिकाधिक लोगों को बचाया जा सकेगा। विदित हो चीन में भी इस दवा से कोरोना मरीज़ों का उपचार किया गया था। एफ डी ए ने प्रवक्ता ने कहा है कि दवा की उपलब्धता के लिए ‘गिलीड’ से सम्पर्क में है।