कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने 50 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया
नई दिल्ली: केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनी एनसीएल के निगाही क्षेत्र में 50 मेगावाट के ग्राउंड-माउंटेड सौर ऊर्जा संयंत्र का वर्चुअल उद्घाटन किया। मध्य प्रदेश के सिंगरौली में स्थित यह सौर ऊर्जा संयंत्र अपने पहले वर्ष में औसतन 94 मिलियन यूनिट बिजली पैदा करेगा, जिससे सालाना 78,000 टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।
कोलकाता में आयोजित सीआईएल के 50वें स्थापना दिवस समारोह पर केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने स्वर्ण जयंती लोगो लॉन्च किया। इसके साथ ही उन्होंने शुभंकर “अंगारा” का अनावरण भी किया। ये लोगो भारत के ऊर्जा क्षेत्र की रीढ़ के रूप में सीआईएल की महत्वपूर्ण भूमिका का प्रतीक है, जो नवाचार, प्रगति और स्थिरता के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शुभंकर कोयला खनिकों की ताकत और लचीलेपन का प्रतीक है, जो उनके साहस और समर्पण को दर्शाता है। शुभंकर रॉयल बंगाल टाइगर से प्रेरित है।
किशन रेड्डी ने इस अवसर पर कोयला और लिग्नाइट अन्वेषण पर रणनीति रिपोर्ट भी जारी की। इसके साथ ही माइन क्लोजर पोर्टल का उद्घाटन किया और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की निगाही परियोजना में 50 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र के विकास की घोषणा की, जिसमें 250 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इस सौर पहल से 49 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होने की उम्मीद है। मंत्री ने संस्थागत और व्यक्तिगत दोनों श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार प्रदान करके समारोह का समापन किया, जिसमें सीआईएल की सफलता में उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता दी गई। कोयला मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में संविदा कर्मियों के लिए सीआईएल की जन-केंद्रित पीएलआई योजना की सराहना की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने कहा कि सीआईएल आयातित कोयले की तुलना में भारतीय उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धी दरों पर कोयला उपलब्ध कराता है। उन्होंने बताया कि 28 अक्टूबर, 2024 तक बिजली संयंत्रों में कोयले का स्टॉक 31.6 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 18.8 मीट्रिक टन था। दत्त ने कहा कि इसमें 68 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसका श्रेय मुख्य रूप से सीआईएल के योगदान को जाता है। कोयला सचिव ने कहा कि कोल इंडिया को बदलती व्यावसायिक गतिशीलता के अनुसार अपनी प्रक्रियाओं, परिचालन और लागत दक्षता को पुनः निर्धारित करना चाहिए।
इस अवसर पर कोयला मंत्रालय के सचिव विक्रम देव दत्त, कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव रूपिंदर बरार, अतिरिक्त सचिव विस्मिता तेज, सीआईएल के अध्यक्ष-सह प्रबंध निदेशक पी. एम प्रसाद. निदेशक (पी एंड आईआर) वी. के. प्रसाद, निदेशक (व्यवसाय विकास) विनय रंजन, देशक (विपणन) देबाशीष नंदा, निदेशक (वि) मुकेश चौधरी, मुख्य सतर्कता अधिकारी मुकेश अग्रवाल और मुख्य सतर्कता अधिकारी ब्रजेश कुमार त्रिपाठी सहित वरिष्ठ प्रबंधन उपस्थित थे।