कानपुर, 24 जुलाई (हि.स.)। बर्रा थाना क्षेत्र का अपहृत पैथालॉजी कर्मी संजीत यादव अब इस दुनिया में नहीं रहा। हिरासत में लिए गये उसके दो दोस्तों ने बताया कि उसकी हत्या कर शव को पाण्डु नदी में बहा दिया गया है। इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका शुरु से ही संदिग्ध रही और पुलिस के सामने ही परिजनों ने फिरौती की 30 लाख रुपये की रकम दी थी। पुलिस की शिथिलता को लेकर एसएसपी ने बर्रा इंस्पेक्टर को निलंबित भी कर दिया है और अभी भी पूरे मामले की जांच चल रही है।
बर्रा-5 निवासी चमन यादव का बेटा संदीप यादव लैब टेक्नीशियन था और वह 22 जून से लापता था। इस पर परिजन थाना पुलिस से शिकायत करके बेटे के अपहरण का संदेह जताकर मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद आरोपित फोन पर बेटे को छोड़ने के लिए 30 लाख रुपये की फिरौती की मांग करने लगे। पिता ने बताया कि इतना रुपया न होने के बाद भी बेटे को छुडाने के लिए मकान बेच डाला। आरोप है कि पुलिस के कहने पर फिरौती के 30 लाख रुपए पुलिस के दिए बैग में रखकर परिजन गुजैनी हाईवे के पास पहुंचे, जहां अपहरणकर्ताओं ने उन्हें झांसी रेलवे लाइन के पास बैग फेंकने को कहा। पुलिस लगातार मामले पर नजर बनाए हुए थी। पुलिस के इशारे के बाद जब बैग फेंका तो कुछ ही देर में अपहरणकर्ता बैग लेकर भाग निकले। फिरौती की रकम देने के बावजूद परिजनों को उनका बेटा नहीं मिला। इधर देर रात पुलिस ने संदीप के दो दोस्तों को हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की तो पता चला कि युवक की हत्या कर शव पाण्डु नदी में फेक दिया गया है। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने शुक्रवार को बताया कि शव को खोजबीन की जा रही है और शव मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही पुलिस की शिथिलता पर भी जांच चल रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों ने पुलिस पर लगाया आरोप
पीड़ित पिता ने आरोप लगाते हुए बताया कि पुलिस के कहने पर उन्होंने घर बेचकर 30 लाख रुपये फिरौती अपहरर्ताओं को दे दिए। इसके बाद भी पुलिस अपहरणकर्ताओं को नहीं पकड़ सकी और बेटे की हत्या कर दी गयी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस से बैग में ट्रैकिंग डिवाइस लगाने के लिए कहा था लेकिन उनकी एक न सुनी।
पुलिस बार-बार बदलती रही बयान
पीड़ित पिता और युवक की बहन और मां जब मीडिया के सामने पुलिस पर आरोप लगा रहे थे तो पुलिस की ओर से जो बयान आये उसमें भी विरोधाभास रहा। एसपी दक्षिण अपर्णा गुप्ता ने पहले कहा था कि कोई बैग अपहरणकर्ताओं को नहीं दिया गया, पर जब मामले का संज्ञान एसएसपी दिनेश कुमार पी ने लिया तो कहा कि बैग तो पुल से फेका गया पर उसमें रुपये नहीं थे।
निलंबित हो चुके हैं थाना प्रभारी
मामले को लेकर एसएसपी ने जांच कमेटी गठित कर दी है और प्रथम दृष्टतया थाना प्रभारी रणजीत राय दोषी पाये गये। इसके बाद एसएसपी ने उन्हे फौरन निलंबित भी कर दिया। बताया जा रहा है कि अभी इस मामले और कई पुलिस कर्मी है और उन पर भी कार्रवाई होना तय है। अपहरण मामले में थाना प्रभारी से लेकर एसपी दक्षिण तक की शिथिलता पायी गयी। यही नहीं थाना प्रभारी का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था जिससे पता चलता है कि वह खनन माफियाओं से मिलकर अवैध खनन अपने क्षेत्र में कराता था।
बैग फेकने के दौरान इस तरह हुई बातचीत
परिजनों ने एक ऑडियो मीडिया को दिया है जिसमें पुलिस के सामने बैग पुल से अपहरणकर्ताओं को फेका गया। उस दौरान पीड़ित पिता और थाना प्रभारी रणजीत राय से बराबर बातचीत होती रही। उसके अंश इस प्रकार से हैं। रणजीत राय – हेलो, हां कहां हो चमन? चमन – जहां यह डीसीएम खड़ी है पुल के इधर, सब लोग खड़े हैं। रणजीत – तुम उधर से वापस आओ न, तुम क्या कर रहे हो वहां खड़े होकर। चमन – तो क्या हम अकेले आएं सर? रणजीत – तुम कहां खड़े हो? चमन – सब लोग हैं साहब। रणजीत- किसी से बात कराओ। पुलिसकर्मी – सर, अनिल बोल रहा हूं, बताएं। रणजीत- हां अनिल कहां हो? अनिल – सर, हम जहां पुल से बैग गिराए, वहां डीसीएम खड़ी थी सस्पेक्टेड, जब हम पहले निकले थे तो तीन आदमी उसमें बैठे थे, अब उसमें एक भी आदमी नहीं है। मोटरसाइकिल खड़ी है। इस चक्कर में उसके पास रुककर देख रहे थे कि कौन है? किसकी है? चमन वापस आए, यहीं खड़े हैं। रणजीत- चमन को ले लो और वापस आओ। रघुवंशी साहब हैं, इनके साथ जा रहा हूं। बाद में फोन करूंगा।
प्रियंका वाड्रा ने भी साधा था पुलिस पर निशाना
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने कानपुर के अपहृत युवक को लेकर पुलिस पर निशाना साधा था। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कहा “यह है शहर की नाकाम पुलिस लगातार हो रहे अपराध से पूरे शहर वासियों में है डर का खौफ।” प्रियंका के पोस्ट पर युवक के अपहरण के मामलें में सियासत में भी गर्मी ला दी थी, तभी से पुलिस सक्रिय हुई और आज हत्यारे दो युवकों को दबोचा गया।
मकान और जेवर बेचकर जुटाए थे 30 लाख
कानपुर के बर्रा पांच के रहने वाले चमन यादव का बेटा संजीत लैब टेक्नीशियन है जो 22 जून को बाइक समेत लापता हो गया था। पीड़ित परिवार ने बर्रा थाने में घटना की जानकारी दी, लेकिन पुलिस उसे नहीं तलाश पाई। तीन दिन बाद संजीत के पिता के मोबाइल पर बदमाशों ने फोन करके उसे छोड़ने के लिए 30 लाख की फिरौती मांगी, जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए योजना बनाई और परिवार से कहा 30 लाख रुपये का इंतजाम कीजिए। पुलिस का प्लान था कि जब बदमाश फिरौती की रकम लेने आएंगे तब उन्हें दबोच लिया जाएगा। इस पर पीड़ित परिवार ने अपना मकान 20 लाख रुपये में बेचा और बेटी की शादी के लिए बनवाए जेवर बेचकर 30 लाख रुपये का इंतजाम किया।
अपहृत युवक के दोस्तों ने रची थी साजिश
पुलिस के मुताबिक युवक के चार-पांच दोस्तों ने अपहरण की साजिश रची थी, जिसमें दो को पकड़ा जा चुका है और घटना को भी कबूल कर लिया है। एसएसपी ने बताया कि अभी पाण्डु नदी में शव को खोजा जाएगा। इसके बाद पूरे मामले को लेकर प्रेस वार्ता कर घटना का खुलासा किया जाएगा। हिरासत में लिए गये अपहरणकर्ताओं के मुताबिक 26 और 27 की रात को युवक की हत्या की गयी है और शव को पाण्डु नदी में फेक दिया गया है।
कब क्या हुआ
22 जून की रात हॉस्पिटल से घर आने के दौरान संजीत का अपहरण हुआ। 23 जून को परिजनों ने जनता नगर चौकी में उसकी गुमशुदगी की तहरीर दी। 26 जून को एसएसपी के आदेश पर राहुल यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। 29 जून को अपहरणकर्ता ने संजीत के परिजनों को 30 लाख की फिरौती के लिए फोन किया। 5 जुलाई को परिजनों ने शास्त्री चौक पर जाम लगाकर पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। 12 जुलाई को एसपी साउथ कार्यालय में इस बाबत दोबारा प्रार्थना पत्र दिया गया। 13 जुलाई को परिजनों ने फिरौती की रकम 30 लाख से भरा बैग गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया, लेकिन फिर भी संजीत नहीं आया। 14 जुलाई को परिजनों ने एसएसपी और आईजी रेंज से शिकायत की, जिसके बाद संजीत को 4 दिन में बरामद करने का भरोसा दिया गया। 16 जुलाई को बर्रा इंस्पेक्टर रंजीत राय को सस्पेंड कर सर्विलांस सेल प्रभारी हरमीत सिंह को चार्ज दे दिया गया। इसके बाद देर रात युवक के दो दोस्तों को हिरासत में लिया और 24 जुलाई को एसएसपी ने जानकारी दी कि युवक की हत्या कर दी गयी। मामले को लेकर एसएसपी आज खुलासा कर सकते हैं और पुलिस विभाग के कुछ कर्मियों पर कार्रवाई भी होना तय माना जा रहा है।