एथलीटों के प्रशिक्षण के लिए देश भर में जिला स्तर पर 1000 खेलो इंडिया सेंटर खोलेगा खेल मंत्रालय

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नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को एथलीटों के जमीनी स्तर के प्रशिक्षण के लिए देश भर में जिला स्तर पर 1000 खेलो इंडिया सेंटर (केआईसी) स्थापित करने का फैसला किया है। इन केंद्रों का संचालन या तो पूर्व चैंपियन या फिर कोई कोच करेगा।
खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने एक बयान में कहा, ‘‘जब हम भारत को खेल महाशक्ति बनाने का प्रयास कर रहे हैं तब यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि खिलाड़ी के लिये खेल करियर का विकल्प बन जाए।”
उन्होंने कहा कि पूर्व चैंपियनों की पहचान करने के लिये एक व्यवस्था तैयार की गयी ताकि ये चैंपियन या तो खुद की अकादमी खोलकर उसे संचालित करें या फिर केआईसी में कोच के रूप में काम करें।
जिन एथलीटों की पहली श्रेणी पर विचार किया जाएगा, वे ऐसे हैं जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त खेल संघ या एसोसिएशन के तहत मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
दूसरी श्रेणी सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में पदक विजेताओं की है जो किसी मान्यताप्राप्त एनएसएफ द्वारा या खेलो इंडिया गेम्स में पदक विजेता है। तीसरी श्रेणी वे हैं जिन्होंने राष्ट्रीय अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों में पदक जीते हैं।
चौथी श्रेणी में वे लोग शामिल होंगे जिन्होंने मान्यता प्राप्त एनएसएफ द्वारा आयोजित एक वरिष्ठ राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में राज्य का प्रतिनिधित्व किया हो या खेलो इंडिया गेम्स में भाग लिया हो।
जम्मू और कश्मीर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लद्दाख के मामले में एनआईएस प्रमाणीकरण के साथ प्रशिक्षित प्रशिक्षक भी आवेदन करने के लिए पात्र होंगे।
पिछले चैंपियनों को खेल में पेशेवर रूप से शामिल करने के लिए एक मंच प्रदान करने के इस निर्णय के बारे में बोलते हुए रिजिजू ने कहा कि खेल महाशक्ति बनने का भारत का लक्ष्य केवल एथलीटों को आजीविका का एक निरंतर साधन प्रदान करके प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “जैसा कि हम भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने का कर रहे हैं, हमें जिन चीजों को सुनिश्चित करना है उनमें से एक यह है कि खेल युवाओं के लिए एक कैरियर बनाया जाय।”
केआईसी में 14 खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिनमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, बैडमिंटन, साइकिलिंग, तलवारबाजी, हॉकी, जूडो, रोइंग, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन और कुश्ती शामिल हैं।
प्रत्येक केआईसी का अनुदान पिछले चैंपियन एथलीट के पारिश्रमिक के रूप में कोच, सहायक कर्मचारियों, उपकरणों की खरीद, खेल किट, उपभोग्य सामग्रियों, प्रतियोगिता और कार्यक्रमों में भागीदारी के लिए बढ़ाया जाएगा।
नए केआईसी की पहचान की प्रक्रिया संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के खेल विभाग द्वारा जिला कलेक्टरों के साथ संपर्क में की जाएगी और प्रस्ताव को आगे के मूल्यांकन के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण के क्षेत्रीय केंद्र को भेजा जाएगा। चालू वित्त वर्ष के दौरान, 100 केआईसी की स्थापना की योजना है।

 


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