खरमास 16 दिसंबर से, अगले एक माह नहीं होंगे विवाह
भोपाल, 13 दिसंबर (हि.स.) । हिन्दू जीवन में संस्कारों का विशेष महत्व है और इन संस्कारों के आयोजन में मुहूर्त का। इस समय विवाह का दौर चल रहा है। सभी तरफ शहनाइयां गूंज रही हैं। ज्योतिष के अनुसार मुहूर्त नहीं होने के अभाव में अब यह विवाह एक माह के लिए रुक जाएंगे। 13 दिसंबर को शादियों का आखिरी मुहूर्त है। इसके बाद 15 जनवरी 2022 से पुन: विवाह होना आरंभ होंगे। 16 दिसंबर से खरमास यानी कि मलमास शुरू होने जा रहा है। इस कारण यह एक माह तक आगे नहीं हो सकेंगे ।
इस संबंध में आचार्य भरत दुबे का कहना है कि 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो रहा है। ज्यातिष के नियमानुसार खरमास में कोई विवाह या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, इसलिए एक माह के लिए शादी-ब्याह सहित सभी मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। इसके बाद अगले साल मार्च से मध्य अप्रैल तक मीन अस्त से बने संयोग एवं खरमास के कारण मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे । ऐसे में इस साल के अंत में 13 दिसंबर को आखिरी शादियों का मुहूर्त है। आगे नए अंग्रेजी वर्ष में 15 जनवरी से विवाह कार्यों की शुरुआत होगी जोकि निर्वाध 23 फरवरी तक चलेंगे।
उन्होंने कहा कि 23 फरवरी के बाद गुरु अस्त हो जाएगा जिसके कारण से फिर विवाह होने पर विराम लगेगा। फिर मलमास या कहें कि खरमास का आरंभ 15 मार्च से 15 अप्रैल तक होने के कारण भी विवाह नहीं हो सकेंगे । आगे फिर से विवाह मुहूर्त 15 अप्रैल के बाद के हैं जोकि देवशयनी एकादशी तक होते रहेंगे।
उनका कहना है कि सूर्य का धनु राशि में प्रवेश 16 दिसंबर को होने जा रहा है। यह धनु में सूर्य का प्रवेश धनु की संक्रांति कहलाता है, जिसमें कि ज्योतिष शास्त्र विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार जैसे सभी पूजा मंगल के कार्यों के निषेध के लिए बताता है। ज्योतिष में स्पष्ट दिया गया है कि जब सूर्य धनु राशि और मीन राशि में रहता है, तो वह खरमास कहलाता है। इसलिए यहां विवाह मुहूर्त नहीं हैं और सनातन हिंदू विवाह से दूर रहेंगे।
ये हैं आगे के मुहूर्त
अंग्रेजी कलेंडर से आनेवाले साल में विवाह मुहूर्त देखें तो जनवरी 2022 में 15, 20, 25, 27 एवं 30 जनवरी को विवाह किए जा सकेंगे। फरवरी में चार, छह, नौ, 11, 16, 17 को यह होंगे। मार्च में मीन की संक्रांति और गुरु अस्त के कारण विवाह नहीं नहीं किए जाएंगे । फिर इसके बाद अप्रैल माह में 15, 17, 19, 23, 27, 28 तारीखों में विवाह के मुहूर्त हैं। मई महीने में दो ,चार, नौ, 20, 24, 26, 31 और जून माह में एक, पांच, 17, 21, 23, 26 को विवाह किए जा सकते हैं ।
इसके बाद जुलाई माह में दिनांक दो, तीन, पांच, छह, आठ तारीखों में विवाह के मुहूर्त हैं। इसके बाद तीन माह तक कोई विवाह नहीं होंगे । आगे के विवाह पुन: नवंबर मास से आरंभ होंगे । इस महीने में तीन ही विवाह के मुहूर्त हैं । जोकि दिनांक चार, 26, 28 के हैं, फिर दिसंबर माह में दो, चार, सात, नौ, 12, 15 इस प्रकार से इस माह छह विवाह मुहूर्त हैं। कुल वर्ष भर में देखें तो 44 विवाह के मुहूर्त हैं।