चंडीगढ़, 04 नवम्बर ( हि.स.)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की गई शंका सत्य साबित होती लग रही है। खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि पाकिस्तान के पंजाब राज्य में नरोवाल जिला में आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप चल रहे हैं। इनमें खालिस्तानी आतंकी ट्रेनिंग कैंप भी हैं। करतारपुर साहिब गुरुद्वारा भी इसी जिला नारोवाल में है। करतारपुर गलियारा खुलने से एक सप्ताह पूर्व खुफिया एजेंसियों ने ऐसी सूचनाएं दी हैं।
एजेंसियों ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती करतारपुर कॉरिडोर का खुलना है, क्योंकि पाकिस्तान के कुछ अराजक तत्वों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है। विशेष रूप से उनके तीर्थयात्रियों के संपर्क में आने की संभावना है। भारतीय क्षेत्र में 3-4 किमी तक पाकिस्तान के मोबाइल नेटवर्क आने से भी एजेंसियां चिंतित हैं। एजेंसियों का कहना है कि इसका इस्तेमाल ड्रग तस्करों और उन लोगों द्वारा किया जा सकता है जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।
यह कॉरिडोर भारतीय के पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक साहिब को पाकिस्तान के पंजाब के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे से जोड़ेगा। बीएसएफ के सूत्रों ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके, शंकरगढ़ और नारोवाल में स्थित हैं। यहां पर पुरुष और महिलाएं प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसका खुलासा हाल ही में पंजाब में सीमा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के दौरान हुआ। इस दौरान देश की सभी शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त बैठक हुई थी।
सोमवार को पंजाब के नए बने विधायकों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर खोलना पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का एजेंड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा था कि यह सिख भाईचारे को प्रभावित करने की चाल हो सकती है। ऐसे में भारत को सतर्क रहने की जरूरत है। इसका उद्देश्य रेफरेंडम-2020 के लिए हो सकता है, जिससे सिख भाईचारे को प्रभावित किया जा सके। खालिस्तान समर्थित संगठन सिख फॉर जस्टिस द्वारा भी ऐसा किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि करतारपुर गलियारा का उद्घाटन नौ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना है। प्रधानमंत्री इस मौके पर पाकिस्तान स्थित गुरद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर साहिब में जाने वाले प्रथम बैच को झंडी देकर रवाना करेंगे। इस बैच का नेतृत्व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह करेंगे और इसमें पंजाब के विधायक, सांसद, गणमान्य व्यक्ति और पत्रकार शामिल होंगे। पिछले करीब डेढ़ माह से पाकिस्तान ड्रोनों के भारत के पंजाब के सीमा वाले क्षेत्र में हथियार और ड्रग्स गिराए जाने के मामले सामने आ चुके हैं।