सबका ख्याल रखा बजट में : केजरीवाल
नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा मंगलवार को प्रस्तुत किए गए बजट को शानदार बताया। उन्होंने कहा कि बजट में समाज के सभी तबकों का ध्यान रखा गया है। आजादी के 100 साल पूरे होने पर 2047 में भारत कैसा होना चाहिए, बजट ने आज उसकी नींव रखने का भी काम किया है। आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा सपना है कि 2047 तक दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय सिंगापुर के बराबर हो, इसके लिए हमें राजधानी की प्रति व्यक्ति आय 16 गुना बढ़ानी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल कोविड-19 के चलते सरकार की आय के स्रोत काफी कम हो गए थे और खर्च काफी बढ़ गए थे। बावजूद इसके, हमने पिछले साल के 65 हजार करोड़ रुपए के बजट के मुकाबले इस साल 69 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया है, जो 6 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही सरकार ने इस साल भी शिक्षा पर 25 प्रतिशत और स्वास्थ्य पर 14 प्रतिशत बजट खर्च किया। साथ ही दिल्लीवासियों को अगले साल भी फ्री पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं मिलती रहेगी और दिल्ली सरकार अपनी जनता को फ्री में वैक्सीन मुहैया कराएगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बजट में समाज के सभी तबकों का ध्यान रखा गया है। इसमें महिलाओं, बुजुर्गों, छात्र, युवाओं और सभी जाति-धर्म के लोगों को ध्यान में रखते हुए यह बजट तैयार किया गया है। इन कठिन परिस्थितियों में हमने लोगों के लिए ढेर सारे खाने के किचन लगाए, एक करोड़ लोगों को राशन दिया, 10 लाख लोगों के लिए रोज खाना बनवाया। हमारी सरकार ने इन कठिन परिस्थितियों में बुजुर्गों, टैक्सी और ऑटो चालकों आदि को पांच-पांच हजार रुपए देकर उनकी मदद की।
मुख्यमंत्री ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले छह साल से जो हमारी परिपाटी चली आ रही है, उसी के अनुसार इस बजट के अंदर भी करीब एक चौथाई (25 प्रतिशत) बजट शिक्षा के ऊपर खर्च किया जा रहा है और 14 प्रतिशत बजट स्वास्थ्य सेवाओं के उपर खर्च किया जा रहा है। हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में शुरू से ही शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे उपर रहा है। वह प्राथमिकताएं इस बजट के अंदर भी जारी हैं। जब से हमारी सरकार बनी है, दिल्ली का बजट सरप्लस में है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के बजट में कई खासियत है। अक्सर हम जितने भी दूसरे राज्यों के बजट को देखते हैं, हमारे से पहले भी जितनी सरकारें थी। उनमें स्थापना की कीमत, जिसमें वेतन और ब्याज की देनदारियां शामिल हैं, वो कई बार 70 से 80 प्रतिशत तक होती हैं। आज जो बजट प्रस्तुत किया गया है, इसमें स्थापना की कास्ट केवल 45 प्रतिशत है, जबकि 55 प्रतिशत बजट एक तरह से योजनाओं के ऊपर, जनता के विकास के ऊपर, सोशल सुरक्षा के ऊपर आदि पर खर्च किया जा रहा है।