मुजफ्फरपुर केजरीवाल अस्पताल:चमकी बुखार का कहर, अभी भी बेहोशी से जूझ रहे कई बच्चे

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बीबीगंज के करीब मियां पकड़ी की रहने वाली पूनम देवी 3 दिन पहले अमन को लेकर मुजफ्फरपुर के केजरीवाल अस्पताल में पहुंची थी। उस वक्त अमन की हालत काफी नाजुक थी। डॉक्टरों ने बताया था कि उसे चमकी बुखार हो गया है ।



मुजफ्फरपुर 18 जून (हि.स.) । तीन साल का अमन कुमार अपनी आंखें खोल चुका है ।अब उसके शरीर में ताकत वापस आने लगी है। वह अपने दोनों हाथ को अस्पताल के बेड के पीछे ले जाता है और पूरी ताकत से बेड में लगे हुए और राड को पकड़ कर झकझोरने की कोशिश करता है। उसकी इस हरकत से उसकी मां पूनम देवी को यह अहसास हो गया है कि अब उसका बेटा अमन पहले की तरह चलने फिरने और दौड़ने के काबिल जल्द ही हो जाएगा । बीबीगंज के करीब मियां पकड़ी की रहने वाली पूनम देवी 3 दिन पहले अमन को लेकर मुजफ्फरपुर के केजरीवाल अस्पताल में पहुंची थी। उस वक्त अमन की हालत काफी नाजुक थी। डॉक्टरों ने बताया था कि उसे चमकी बुखार हो गया है । अब पूनम को इस बात का सुकून है कि वह बहुत जल्द ही अपने बेटे को लेकर के घर वापस जा सकेगी । लेकिन अमन के ठीक बगल वाले बेड पर लेटा हुआ 2 साल का मुनमुन अभी भी सुस्त पड़ा हुआ है। लेकिन उसने अपनी आंखें खोल ली है। अभी उसे ताकत नहीं मिल रही है। दरभंगा की रहने वाली मुनमुन की बुआ अलका सिंह बताती है कि सुबह 7 बजे से उसे अचानक से बुखार आना शुरू हो गया और उसका पूरा शरीर अकड़ने लगा। वह बेतहाशा अपने हाथों से अपने शरीर को नोचे जा रहा था। पहले तो उसे नजदीक के डॉक्टर के पास ले गए फिर वहां से भागते हुए केजरीवाल अस्पताल पहुंचे।अब उसकी स्थिति में सुधार हो रहा है ।4 साल की सुमैया भी मुनमुन के आने के कुछ देर बाद ही यहां पहुंची । उसकी बहन वहीदा खातून बताती है कि सुमैया की तबीयत अचानक खराब होने से तेज बुखार आया और फिर वह बेहोश हो गई। उसके बाद उसे लेकर के यहां पहुंची। अभी भी वह बेहोशी की हालत में है और डॉक्टर पूरी कोशिश कर रहे हैं कि उसके होश वापस आ जाए। वह लगातार उसके शरीर पर भीगे कपड़े से सफाई कर रही है । रघुनाथपुर की रहने वाली नेहा कुमारी को बुखार होने पर उसके चाचा राजेंद्र महतो सीधे इसी अस्पताल में लेकर आऐ जबकि उसके घर वाले अगल-बगल के डॉक्टर से इलाज कराने पर तुले हुए थे । लेकिन उसने सुन रखा था कि एक अजीब तरह की बुखार बच्चों को अपनी जद में ले रहा है इसलिए उसने रिस्क लेने के लिए नहीं सोचा । उसकी यह समझ कारगर साबित हुई।नेहा अभी भी बेहोश है लेकिन डॉक्टरों को पूरी उम्मीद है कि वह नेहा को दुरुस्त कर देंगे। इसी तरह शेखर भी बेहोश पड़ा हुआ है और उसकी मां रिंकी देवी डॉक्टरों के कहे मुताबिक लगातार उसके हाथ  पैर को भीगे हुए कपड़े से साफ कर रही है । फैयाज अली भी अभी बेहोश है हालांकि उसकी मां बताती है कि बीच बीच में होश में आती है और पानी पीने के बाद फिर बेहोश हो जाती है।पिछले 3 दिन से यह क्रम जारी है। इसके साथ ही वह स्वीकार करती है कि पहले की तुलना में उसकी स्थिति में अब कुछ सुधार हुआ है । पहले तोआंख ही नहीं खोल रही थी।अब कम से कम बीच-बीच में आंखों को खोले रही है।।


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