कश्मीर घाटी में नजरबंद व हिरासत में लिए गए नेताओं से मिले परिजन

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नजरबंद नेताओं से मिलने पहुंचे उनके परिजनों की अंदर जाने से पहले तलाशी ली गई।



श्रीनगर, 20 नवम्बर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद तीन महीने से अधिक समय से कश्मीर घाटी में नजरबंद व हिरासत में लिए गए नेताओं से उनके परिजन बुधवार को एलएलए हॉस्टल मिलने पहुंचे। इस दौरान एलएलए हॉस्टल व आसपास के इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करके चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था। नजरबंद नेताओं से मिलने पहुंचे उनके परिजनों की अंदर जाने से पहले तलाशी ली गई।
डल झील किनारे स्थित सेंटूर होटल में बंद 34 राजनीतिक नेताओं को रविवार को एलएलए हॉस्टल में शिफ्ट किया गया था। कश्मीर में भारी बारिश व बर्फबारी के कारण पड़ रही कड़ाके की ठंड की वजह से इन्हें शिफ्ट करने का फैसला लिया गया था। राजनीतिक बंदियों को तीन शिफ्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच एमएलए हॉस्टल भेजा गया था। हॉस्टल में कड़ी तलाशी लेकर चेक किया गया कि कहीं उनके पास मोबाइल फोन या अन्य सामान तो नहीं हैं। इस पर काफी हंगामा भी हुआ था क्योंकि इनका कहना था कि राजनीतिक लोगों की तलाशी लेना उचित नहीं है।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को शुक्रवार को जबरवान रेंज की पहाड़ियों पर स्थित चश्मा शाही से श्रीनगर शहर में एक सरकारी आवास में भेजा गया था। उनकी बेटी इल्तिजा ने ठंड को देखते हुए अपनी मां को शिफ्ट करने की मांग की थी। अधिकारियों ने बताया कि शिफ्टिंग से पहले एमएलए हॉस्टल में आवश्यक मरम्मत कार्य तथा जरूरी इंतजाम कराए गए। गृह विभाग ने एमएलए हॉस्टल को अस्थायी जेल घोषित करने का आदेश जारी किया है।
जानकारी मिली है कि एलएलए हॉस्टल में नजरबन्द पूर्व शिक्षा मंत्री नईम अख्तर से उनकी बेटी श्रेया, नेशनल कांग्रेस के नेता सरताज मदनी से उनके बेटे साकिब मदनी ने और पीडीपी नेता निजामुद्दीन बट से उनके भाई ने मुलाक़ात की है। इसके अलावा राजनीतिक बंदियों में पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, नेशनल कांफ्रेंस के अली मोहम्मद असगर व मुबारक गुल, पीडीपी के नईम अख्तर व निजामुद्दीन भट और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल शामिल हैं।

 


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