प्रयागराज, 31 अक्टूबर (हि.स.)। प्रयागराज के बहुचर्चित जवाहर यादव हत्याकांड में पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, भाई पूर्व विधायक उदय भान करवरिया, भाई पूर्व एमएलसी सूरज भान करवरिया और रामचंद्र त्रिपाठी गुरूवार को दोषी सिद्ध किये गए। अब चार नवम्बर को ट्रायल कोर्ट सजा सुनाएगी।
सिविल लाइंस में पैलेस सिनेमा और काफी हाउस के बीच 13 अगस्त 1996 की शाम सात बजे जवाहर की हत्या की गई थी। हत्याकांड में विधायक की पत्नी विजमा यादव की ओर से सिविल लाइंस थाने में करवरिया बंधुओं के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 18 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। करवरिया बंधुओं को निर्दोष साबित करने के लिए बचाव पक्ष की ओर से 156 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया। मामले में सभी पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के बाद ट्रायल कोर्ट ने 18 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। एडीजे कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 31 अक्टूबर की तारीख तय की थी।
सिविल लाइन्स थाने के बाद मुकदमे की विवेचना सीबीसीआईडी ने भी की और आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था। मुकदमे के दौरान कुछ साल तक हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के चलते मुकदमे की सुनवाई भी नहीं हो सकी थी। इस बीच प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद सरकार ने करवरिया बंधुओं से मुकदमा वापस ले लिया था, जिसका विरोध पूर्व विधायक विजमा यादव ने किया और अदालत में कानूनी लड़ाई भी लड़ी। इसके बाद कोर्ट ने सरकार के फैसले को यह कहते हुए वापस लौटा दिया था कि ट्रायल कोर्ट में चल रहे मुकदमे की सुनवाई फैसले के करीब है। इस मामले भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे और मौजूदा समय में राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्रा की भी गवाही हो चुकी है। फिलहाल दोनों ही पक्षों को 23 साल चली इस लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद अब फैसले का बेसब्री से इंतजार है।