नई दिल्ली, 01 अगस्त (हि.स.)। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल आय से अधिक संपत्ति के आरोप का सामना कर रहे कार्ति को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने दिल्ली स्थित जोर बाग आवास को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया है। ईडी ने पिछले साल 10 अक्टूबर को जोर बाग स्थित इस संपत्ति को जब्त किया था। इस आवास को जांच एजेंसी ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कुर्क किया था। कार्ति इस मामले में आरोपित हैं।
ईडी ने कार्ति चिदंबरम को यह नोटिस धनशोधन रोकथाम कानून(पीएमएलए) के तहत दिया, जिसमें कहा गया है कि संबद्ध प्राधिकार ने इस कुर्की की 29 मार्च,2019 को पुष्टि की थी, जिसके बाद निर्देश जारी किया गया। ईडी ने जारी नोटिस में कहा है कि कार्ति चिदंबरम को आवास खाली करने और इस नोटिस के मिलने के 10 दिनों के अंदर इसका अधिकार सौंपने का निर्देश दिया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस संपत्ति का मालिकाना हक संयुक्त रूप से कार्ति और उनकी मां नलिनी चिदंबरम के पास है। कार्ति चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया केस में आरोपित हैं। वे तमिलनाडु के शिवगंगा से कांग्रेस के सांसद हैं, जो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। कार्ति को दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी साल जमानत दी थी। ईडी ने कार्ति की 54 करोड़ रुपये की विदेश में मौजूद संपत्ति को जब्त किया था। इसमें कार्ति के पास ब्रिटेन के समरसेट में 8.67 करोड़ की एक कॉटेज, स्पेन के गावा में 14 करोड़ रुपये की जमीन और एक टेनिस क्लब शामिल है।
इसके अलावा कार्ति के पास अरबों की संपत्ति है। जोर बाग की जिस संपत्ति की कीमत 16 करोड़ रुपये हैं। इसके अलावा तमिलनाडु के ऊंटी में करोड़ों रुपये का बंगला और विदेशों में भी संपत्ति है। ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) 2006 एयरसेल-मैक्सिस मामले में हुई कथित अनियमितता और धनशोधन मामले की भी जांच कर रही है।