नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। सरकार करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान के भारतीय तीर्थयात्रियों से 1420 रुपये शुल्क वसूलने पर अड़े रहने के बावजूद 23 अक्टूबर को समझौता करने को तैयार है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार 12 नवंबर 2019 को श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती है। इससे पहले गुरुद्वारा करतारपुर साहिब दर्शन हेतु जाने की तीर्थयात्रियों की लंबे समय से चली आ रही मांग और गलियारे के संचालन के हित में सरकार समझौते के लिए तैयार है। पाकिस्तान को आज अवगत कराया है कि 23 अक्टूबर 2019 को करतारपुर साहिब कॉरिडोर से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि समझौते पर हस्ताक्षर करने पर सहमति जताने के बाद भारत एक बार फिर पाकिस्तान सरकार से तीर्थयात्रियों पर सेवा शुल्क लगाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता है। भारत किसी भी समय समझौते को संशोधित करने के लिए तैयार है।
सरकार का कहना है कि यह निराशा की बात है कि भारत के श्रद्धालुओं की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए अधिकांश मुद्दों पर सहमति के बावजूद पाकिस्तान प्रति तीर्थयात्री 20 अमेरिकी डॉलर (लगभग 1420 रुपये) का सेवा शुल्क लगाने पर अड़ा हुआ है। सरकार ने लगातार पाकिस्तान से आग्रह किया है कि तीर्थयात्रियों की इच्छाओं को देखते हुए उसे इस तरह का शुल्क नहीं लेना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के अनुसार सरकार ने ढांचागत निर्माण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए और गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के शुभ अवसर पर करतारपुर साहिब गलियारे को श्रद्धालुओं के लिए खोलने की पहल की है। इससे भारत के तीर्थयात्री और ओवरसीज सीटिजन ऑफ इंडिया कार्डधारक पाकिस्तान स्थित पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की यात्रा कर सकेंगे।