इस्लामाबाद, 14 सितम्बर (हि.स.)। पकिस्तान के इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) ने कहा है कि कई मुख्य मुद्दों पर चल रहे विवाद को खत्म करते हुए शनिवार को भारत और पाकिस्तान में इस बात पर सहमति बन गई है कि श्री करतारपुर कॉरिडोर के जरिए हर रोज 5000 श्रद्धालु गुरुद्वारा साहिब के दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान उन्हे लाने-ले जाने, डॉक्टरी सहायता और दोपहर के भोजन की मुफ्त सुविधा प्राप्त होगी।
करतारपुर गलियारे पर लाहौर में आयोजित विशेष बैठक में इस पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि यात्रा की शुरुआत में भरतीय नागरिकों को एक कार्ड दिया जाएगा जबकि उनके पासपोर्ट प्रबंधन के पास रख लिए जाएंगे और यात्रा से वापस आने के बाद उन्हें उनके पासपोर्ट लौटा दिये जाएंगे। ईटीपीबी ने बताया कि रोज 5000 श्रद्धालु गरुद्वारा साहिब आएंगे। इसका समय नमाज़-ए-फजर से लेकर नमाज-ए-मगरब तक रहेगा।
उल्लेखनीय है कि श्रद्धालुओं को मुफ्त खाना उपलब्ध कराने के लिए प्रतिदिन 10 लाख पाकिस्तानी रुपये का खर्च होगा। यात्रियों को मुफ्त डॉक्टरी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाईं जाएंगी। साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए रेंजर्स की तैनाती भी की जाएगी। श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा भारतीय पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान के इलाके में चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये मार्ग खुलने के बाद सिख श्रद्धालु गुरुद्वारा साहिब आसानी से जा सकेंगे। पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के आखिरी 18 साल यहीं पर बिताए थे।