नई दिल्ली, 10 जुलाई (हि.स.)। लोकसभा में बुधवार को एक बार फिर कर्नाटक में गहराए राजनीतिक संकट का मुद्दा उठा। कांग्रेस ने भाजपा पर जबरन उनके विधायकों को महाराष्ट्र में बंदी बनाने का आरोप लगाया। सत्ता पक्ष ने कर्नाटक के बागी विधायकों की ओर से महाराष्ट्र पुलिस को लिखे पत्र में सुरक्षा की मांग की है। सत्ता पक्ष के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वाकआउट किया।
प्रश्न काल के दौरान हंगामे के बाद कांग्रेस की ओर से उठाए गए मुद्दे पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने बागी कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है। इसके चलते विधायक मुंबई के होटल में ठहरे हुए हैं। इन विधायकों ने महाराष्ट्र पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर उनकी जान को कांग्रेस मंत्री डीके शिवकुमार से खतरा होने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि जहां तक विधायकों के इस्तीफे का सवाल है तो इसकी शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष स्वयं कर चुके हैं। उनके इस्तीफे के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। उनके इस जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस के नेताओं ने अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ सदन से वाकआउट कर दिया।
कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को अध्यक्ष की ओर से इजाजत मिलने के बाद कहा कि उनका आज का मुद्दा पिछले दिनों से अलग है। वर्तमान घटनाक्रम में कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार को महाराष्ट्र पुलिस ने मुंबई के होटल में रह रहे कांग्रेस विधायकों के मिलने की इजाजत नहीं दी। उन्हें अपने ही साथी विधायकों से मिलने नहीं दिया गया। चौधरी ने कहा कि महाराष्ट्र में मार्शल लॉ चलाया जा रहा है। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
इससे पहले प्रश्न काल की शुरुआत में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम का मुद्दा उठाया। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह कहते हुए कि वह पिछले दो दिनों से यही मुद्दा उठा रहे हैं, इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी करने लगे। बाद में कांग्रेस नेता को अपनी बात रखने का अवसर दिया गया और कांग्रेस विधायक अपनी-अपनी सीट पर चले गए