बेंगलुरु, 27 जुलाई (हि.स.)। कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा की कैबिनेट में गृह मंत्री रहे बसवराज बोम्मई अब कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री होंगे। उन्हें मंगलवार शाम यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बैठक में पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना गया। एक तरह से अब सिर्फ औपचारिकता ही बाकी रह गई है। जल्द ही राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मिलकर राज्य में नई सरकार का दावा पेश करने की उम्मीद है।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री येदियुरप्पा केंद्रीय मंत्रियों जी किशन रेड्डी और धर्मेंद्र प्रधान के साथ एक निजी होटल में पहुंचे, जहां विधायक दल की बैठक हुई। निवर्तमान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बसवराज बोम्मई के नाम का प्रस्ताव रखा, जबकि पूर्व उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल ने नए नेता के चुनाव के प्रस्ताव का समर्थन किया। केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बैठक के तुरंत बाद बसवराज बोम्मई के सर्वसम्मति से विधायक दल का नया नेता चुने जाने की घोषणा की।
जानकार सूत्रों के मुताबिक चंद मिनटों में नए नेता के चुनाव की औपचारिकता पूरी हो गई। औपचारिक बैठक से पहले पार्टी की कोर कमेटी की बैठक इसी स्थल पर कुछ देर पहले हुई थी। बीएस येदियुरप्पा के विश्वासपात्र बसवराज बोम्मई ने आभार व्यक्त करने के लिए उनके पैर छुए। राज्य भाजपा प्रभारी अरुण सिंह, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी और डीके अरुणा ने पर्यवेक्षक के रूप में पार्टी आलाकमान का प्रतिनिधित्व किया।
बसवराज बोम्मई सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एसआर बोम्मई के पुत्र हैं। 61 वर्षीय बसवराज बोम्मई हावेरी जिले के शिग्गावी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके पिता एसआर बोम्मई के मामले में 1996 का सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला लोगों के जेहन में आज भी होगा। वह बीवी भूमराद्दी इंजीनियरिंग कॉलेज, हुबली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातक हैं। उन्होंने सक्रिय राजनीति में शामिल होने से पहले हुबली और बेंगलुरु में अपना उद्योग भी स्थापित किया।
वास्तव में उन्होंने 2007 में धारवाड़, गडग और हावेरी जिलों के वर्षा वाले क्षेत्रों में पीने के उद्देश्य से महादयी नदी के पानी पहुंचाने के उद्देश्य से कलासा बरदूर नाला आंदोलन में शामिल होकर सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया। बसवराज कन्नड़, हिंदी और अंग्रेजी तीनों भाषाओं में पारंगत हैं। बसवराज बोम्मई येदियुरप्पा के करीबी हैं और उनके दोनों मंत्रिमंडल में मंत्री रहे हैं। वह साल 2008 में जनता दल सेक्युलर को छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए और तब से भाजपा में बने हुए हैं।