कर्नाटक : कांग्रेस में खुलकर सामने आयी गुटबाजी

0

सिद्धारमैया और गुंडूराव की कार्यशैली पर नेताओं ने उठाये सवाल-पार्टी हाईकमान तक पहुंचा राज्य में गुटबंदी का मामला



बेंगलुरु, 28 सितम्बर (हि.स.)। कर्नाटक कांग्रेस में सब-कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य में गुटबाजी के चलते कांग्रेस नुकसान उठा रही है। अब आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही खुलकर एक-दूसरे के निर्णयों की आलोचना और कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं की गुुुुुुुटबाजी का मामला पार्टी हाईकमान तक पहुंच गया है। कांग्रेस के लिये इस गुटबंदी से उभरना एक चुनौती बना हुआ है।
गुरुवार को गुटबंदी का उस समय खुलकर सामने आयी थी, जब प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के एच मुनियप्पा और बीके हरिप्रसाद ने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामैया एवं प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव के कामकाज की शैली पर सवाल उठाया था। इससे पूर्व जून माह में लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर शिवाजी नगर विधायक बेग ने सिद्धारमैया के ‘अहंकार’ और केपीसीसी अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव की ‘अपरिपक्वता’ को जिम्मेदार ठहराया था। बाद में रोशन बेग को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया गया था।
अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सिद्धारामैया के खिलाफ आलाकमान से शिकायत की है। दिग्गज कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेताओं ने आलाकमान से शिकायत की है और दावा किया गया है कि सिद्धारामैया के एकतरफा फैसले पार्टी के हित में नहीं हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की अगुवाई में गुरुवार को हुई बैठक के पश्चात सिद्धरामैया और दिनेश गुंडूराव सुर्ख़ियों में हैं।
हालांकि, शुक्रवार को वरिष्ठ नेताओं ने आलोचना से बेपरवाह गुंडूराव ने कहा कि जब तक पार्टी हट जाने के लिए नहीं कहती है, तब तक वह पद पर बने रहेंगे। राजनीतिक रूप से कुछ लोग झूठे अभियान में लगे हुए हैं और मैं इस पर ध्यान नहीं देता। एच मुनियप्पा ने उपचुनावों के लिए हो रही उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया के दौरान उनको नहीं बुलाये जाने पर एतराज जताया था। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने चुनाव समिति की बैठक में मुनियप्पा और बीके हरिप्रसाद के द्वारा राज्य नेतृत्व के खिलाफ लगाये गये आरोपों को आलाकमान के ध्यान में लाया गया है। कई कांग्रेस नेताओं ने दिनेश गुंडूराव की पत्नी के कुछ ट्वीट पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने पार्टी के मामलों को लेकर ट्विटर पर टिप्पणी की थी। बाद में दिनेश गुंडूराव ने इस बात को स्वीकारा कि पार्टी के भीतर गुट बने हुए हैं।

 


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *