चंडीगढ़, 07 सितम्बर (हि.स.)। करनाल में लाठीचार्ज के दौरान साथी की मौत से गुस्साए किसानों ने मंगलवार को यहां की अनाज मंडी में महापंचायत कर सरकार के रवैये कार्रवाई को लेकर अपना अक्रोश व्यक्त किया। साथ ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की।
दिन भर शहर की सड़कों पर किसानों का कोहराम रहा। करनाल में जहां तक नजर दौड़ाई जा रही थी वहां तक किसानों और पुलिस के अलावा कोई और नहीं था। पूरे दिन तनावपूर्ण माहौल के बीच किसानों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया और हरियाणा सरकार की आलोचना की। इसके बाद देर शाम पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग तोड़कर लघु सचिवालय में पहुंच गए।
आक्रोशित किसानों ने मांग कि उनके खिलाफ लाठीचार्ज के आदेश देने वाले आईएएस के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। मृतक किसान के आश्रितों को 25 लाख रुपये मुआवजा तथा सरकारी नौकरी दी जाए। सरकार ने प्रशासन के माध्यम से इस आयोजन को टालने का प्रयास किया लेकिन वह असफल रही। प्रदेश सरकार ने सुरक्षा की दृष्टि से सोमवार की रात से ही करनाल तथा आसपास के पांच जिलों में फोन व इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं। महापंचायत के मद्देनजर आसपास के जिलों की पुलिस के अलावा अर्ध सैनिक बलों की 40 कंपनियों को यहां तैनात किया गया था।
मंगलवार की सुबह संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य वक्ता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत कई किसान नेताओं के नेतृत्व में करनाल में जुटना शुरू हो गए। किसानों की बढ़ती भीड़ और टकराव की आशंका के चलते प्रशासन ने 11 सदस्यों की एक कमेटी के साथ अलग से वार्ता भी की। बैठक में वार्ता विफल होने के बाद सभी किसान नेता दोबारा अनाज मंडी में पहुंच गए और पहले से अधिक जोश के साथ लघु सचिवालय की तरफ कूच कर दिया। पुलिस ने वाटर कैनन की मदद से रोकने का प्रयास भी किया लेकिन किसान आगे बढ़ते रहे। किसान रास्ते में पुलिस द्वारा कई जगह लगाए गए बैरीकेड तोड़ दिए और करीब एक घंटे बाद किसान लघु सचिवालय परिसर में प्रवेश कर गए। जहां हर कदम पर पुलिस बल तैनात था। लघु सचिवालय में काफी जद्दोजहद के बाद सभी किसान वहीं धरने पर बैठ गए हैं।
उल्लेखनीय है कि करनाल में बीती 28 अगस्त को भाजपा की बैठक के दौरान पुलिस द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज किया गया था। इस लाठीचार्ज से पहले एक आईएएस अधिकारी की वायरल हुई वीडियो ने आग में घी का काम किया। 30 अगस्त को लाठीचार्ज में घायल एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इससे गुस्साए किसानों ने आज करनाल की अनाज मंडी में महापंचायत का आयोजन किया।
ट्रैफिक डायवर्जन से हजारों लोग हुए परेशान-
किसानों की महापंचायत का खामियाजा हजारों निर्दोष लोगों ने भुगता। हरियाणा सरकार ने किसान महापंचायत के मद्देनजर आज सुबह से ही चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले तथा दिल्ली से चंडीगढ़ की तरफ आने वाले वाहनों के रूट डायवर्ट कर दिए थे। सामान्य राहगीरों को गांवों के रास्ते से निकाला गया लेकिन गांवों में कहीं भी पुलिस का प्रबंध नहीं था। दूसरा महापंचायत में आने वाले किसानों ने गांवों का रूट अपनाया हुआ था जिसके चलते सामान्य राहगीर कई घंटे तक परेशान होते रहे।
कर्फ्यू से कम नहीं था करनाल का दृश्य-
किसान महापंचायत के मद्देनजर मंगलवार को करनाल पूरी तरह से बंद रहा। करनाल की गलियां पूरी तरह से सूनी रहीं। यहां किसी कर्फ्यू से कम का दृश्य नहीं था। करनाल जिला प्रशासन ने महापंचायत को देखते हुए मोबाइल तथा इंटरनेट सेवाएं पहले ही बंद कर रखी थीं। आज सभी शिक्षण संस्थाओं को बंद किया गया था। किसान सोमवार रात से ही करनाल में पहुंचने शुरू हो गए थे। इसके चलते आज यहां हर तरह के बाजार, मार्केट, उद्योग आदि बंद रहे।