सीतापुर, 19 अक्टूबर (हि.स.)। आईएसआईएस के निशाने में रहे प्रखर हिंदूवादी नेता और हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी का शव शनिवार तड़के 3ः30 बजे लखनऊ से उनके पैतृक जनपद के महमूदाबाद पहुंच गया। परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है। वह तिवारी को राष्ट्रीय सम्मान, मुआवजा और दोनों बच्चों को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े हुए हैं। अधिकारी भी मौजूद हैं। सीतापुर के डीएम अखिलेश तिवारी और एसपी एलआर कुमार फिलहाल परिजनों से बातचीत कर रहे हैं। इनके अलावा एडीएम और दो एएसपी भी यहां मौजूद हैं।
उल्लेखनीय है कि कमलेश तिवारी हत्याकांड में सूरत (गुजरात) में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। तिवारी के सिर पर 51 लाख रुपये का इनाम घोषित करने वाले मौलाना अनवरुल हक को बिजनौर से गिरफ्तार किया गया है। कमलेश तिवारी की पत्नी किरन ने शुक्रवार देरशाम अनवरुल समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ हत्या के लिए उकसाने और षणयंत्र रचने के जुर्म में मुकदमा दर्ज कराया था। किरन का आरोप है कि उनके पति कमलेश तिवारी की हत्या बिजनौर के मौलाना अनुवारुल हक और मोहम्मद मुफ्ती नमीम काजमी ने डेढ़ करोड़ रुपये की सुपारी देकर करवाई है।
तिवारी आतंकियों के निशाने पर रहे हैं। 25 अक्टूबर 2017 को सूरत में गिरफ्तार मोहम्मद कासिम और उबेद अहमद मिर्जा ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि उन लोगों के हैंडलर ने उन्हें कमलेश तिवारी का वह वीडियो दिखाया था, जिसमें वह पैगम्बर मोहम्मद पर अमर्यादित बयान दे रहा था। हैंडलर ने कहा था कि हमें इसे मारना है। उधर, कमलेश तिवारी हत्याकांड में इस्तेमाल मिठाई का डिब्बा 16 अक्टूबर को सूरत की मिठाई के दुकान से खरीदा गया था।