अहमदाबाद, 23 अक्टूबर (हि.स.)। गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने उत्तर प्रदेश में हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या मामले के दो मुख्य अभियुक्तों को राजस्थान बार्डर शामलाजी से गिरफ्तार करके बुधवार को अदालत में पेश किया जहां से दोनों को 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया है।
गुजरात एटीएस प्रमुख हिमांशु शुक्ला ने कहा कि लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या के बाद दोनों आरोपित अशफाक हुसैन शेख और मोइनुद्दीन पठान नेपाल भागने की फिराक में थे लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस की सतर्कता से भारत की सीमा पार नहीं कर सके और वहां से शाहजहांपुर पहुंच गए। जब वहां इनके पास पैसे खत्म हो गए तब इन लोगों ने आर्थिक मदद मांगने के लिए गुजरात में परिवार और दोस्तों से संपर्क किया। गुजरात एटीएस सर्विलांस के जरिये इन्हें ट्रेस कर रही थी। दोनों अभियुक्त सूरत (गुजरात) आने के लिए एक ट्रक से आ रहे थे लेकिन तभी राजस्थान बार्डर पर एटीएस ने इन्हें शामलाजी से उठा लिया।
उन्होंने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या करने के बाद दोनों अभियुक्तों ने काम खत्म होने की नमाज़ पढ़ी थी। इनसे पूछताछ में पता चला है कि अशफाक हुसैन शेख ने कमलेश तिवारी के मुंह पर गोली मारी थी। मोइनुद्दीन पठान ने कमलेश तिवारी के मुंह को पकड़ रखा था। जब अशफाक ने फायरिंग की तो मोइनुद्दीन की अंगुली में गोली लगी। फिर उसने चाकू से घाव करके कमलेश तिवारी की हत्या कर दी। पूछताछ में पता चला है कि फैजान, मोहसिन, अशफाक, फरीद और रशीद ने हत्या की साजिश रची थी।
इस संबंध में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि तिवारी की हत्या की साजिश पिछले तीन वर्षों से बन रही थी। इस साजिश के हर पहलू को अंतिम रूप देने से पहले विचार किया गया था। इसमें शामिल लोगों को एक-एक करके जोड़ा गया। योजना में पहले से ही तय किया गया कि उसे कैसे मारना है और फिर वहां से कैसे भागना है। पकड़े गए दोनों अभियुक्तों को गुजरात एटीएस ने बुधवार को कोर्ट में पेश करके रिमांड की मांग की। अदालत में यूपी की एटीएस टीम भी मौजूद थी। कोर्ट ने यूपी की एटीएस टीम को अशफाक हुसैन शेख और मोइनुद्दीन पठान को 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर सौंप दिया।
गुजरात एटीएस प्रमुख हिमांशु शुक्ला ने कहा कि हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या भले ही लखनऊ में हुई हो लेकिन इस कांड के तार गुजरात के सूरत से जुड़े हैं। यूपी पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करने के लिए मुखबिरों को इकट्ठा किया और गुजरात एटीएस मुख्य अभियुक्तों तक पहुंचने में कामयाब रही।