अहमदाबाद, 23 अक्टूबर (हि.स.)। लखनऊ में कमलेश तिवारी हत्याकांड में फरार चल रहे दोनों मुख्य आरोपित अशफाक और मोइनुद्दीन को गुजरात एटीएस की टीम ने शामलाजी से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपित नेपाल से शाहजहांपुर आए थे। यहां उनके पास पैसे खत्म होने पर उन्होंने गुजरात में अपने परिवार से मदद मांगी। इस बीच जब वह सूरत जाने के लिए राजस्थान सीमा पर पहुंचे तो एटीएस टीम ने शामलाजी से उन्हें पकड़ लिया।
कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने इन दोनों आरोपितों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। इससे पहले हत्याकांड में पुलिस तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। आज जब उत्तर प्रदेश पुलिस सूरत पहुंची तो उन्होंने आरोपितों के घर पर जांच पड़ताल की।
हिंदू समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या की योजना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बनाई गई थी। कमलेश तिवारी ने दिसंबर 2015 में मुहम्मद पैगंबर साहब के विरोध में एक विवादास्पद बयान दिया। इसी को लेकर फैजान, मोहसिन, अशफाक, फरीद और राशिद ने कमलेश तिवारी को मारने की योजना बनाई थी। हालांकि, उस समय राशिद दुबई जा रहा था। नौकरी छोड़ने के दो महीने पहले जब वह सूरत आया था, तब उसे यह याद आया। लिम्बायत पद्मावती सोसाइटी में गली नंबर-1 में ग्रीन व्यू अपार्टमेंट के नीचे बैठकर फैजान, मोहसिन, अशफाक, फरीद और राशिद ने हत्या की योजना बनाई। 16 मई को फैज़ान ने अपने दोस्त के साथ पेटू सैलून की दुकान से मिठाई खरीदी। अशफाक राशिद का पड़ोसी है। 15 अक्टूबर को एक बैठक में राशिद ने कहा कि अगर आप लोग नहीं जा सकते, तो मैं मारने जा रहा हूं। तब फरीद और अशफाक ने कहा कि हम कमलेश को मारने जा रहे थे और वह फरीद के साथ लखनऊ चला गया और उसने हत्या कर दी।